सिर्फ वयस्क लोगों के लिए ही नहीं बल्कि नाबालिग लोगों के लिए भी बैंक खाता खुलवाने की सुविधा देते हैं। हालांकि बच्चे जब तक नाबालिग रहते हैं उनका खाता उनके अभिभावक ही संचालित करते हैं। यानी बच्चे की उम्र 18 साल होने तक ही अभिभावक उस अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं, इसके बाद बालिग हो चुके बच्चे को इस अकाउंट को ऑपरेट करने का अधिकार मिल जाता है। हालांकि इसके लिए उन्हें कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, जिसके बाद ही वह अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं।
क्या है कानून?
नाबालिग दस्तावेजों पर साइन, कॉन्ट्रैक्ट और थर्ड पार्टी चेक जारी नहीं कर सकते। 18 साल की उम्र होने के बाद बैंक द्वारा उनके साइन अटेस्ट करने के बाद ही वो ऐसी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
फॉर्म:
18 साल की उम्र होने के बाद खाताधारक को बैंक में अपना रिकॉर्ड अपडेट करवाने के लिए फॉर्म भरना पड़ता है। इस पर खाताधारक के साइन होने के साथ-साथ अभिभावकों को भी साइन करने होते हैं।
डॉक्यूमेंट
बैंक अकाउंट के लिए एक नया अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरना होता है। इसके साथ केवाईसी डॉक्यूमेंट को अटैच करना जरुरी होता है। डेट ऑफ बर्थ के प्रूफ से उम्र को वेरिफाई किया जाता है।
इन-पर्सन वेरिफिकेशन
बैंक कई बार बालिग हुए खाताधारक की पर्सनल वेरिफिकेशन के लिए भी पूछ सकते हैं। इसके लिए उन्हें औपचारिकताओं के लिए बैंक की ब्रांच में जाना पड़ सकता है।
अधिकार में बदलाव
खाताधारक के बालिग होने पर खाते का मोड ऑफ ऑपरेशन भी बदलना पड़ता है। इसके लिए एक फॉर्म जमा करवाना होता है।
नॉमिनेशन डिटेल्स
बालिग हुए खाताधारक अपने खाते के नॉमिनी बदल या जारी रख सकते हैं। अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें एक फॉर्म भरना होता है।
दूसरे रिकॉर्ड्स में बदलाव
बैंक रिकॉर्ड्स में बदलाव के बाद खाताधारक पोस्ट ऑफिस या दूसरी जगहों पर भी अपने डॉक्यूमेंट सबमिट कर सकते हैं, जहां पर उनके नाम से निवेश किया गया है। डीमैट अकाउंट में नाम बदलने की सुविधा नहीं होती। इसलिए डीमैट अकाउंट के लिए पूरी प्रक्रिया दोबारा करनी होती है।