नई दिल्ली : रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेल टिकटों की कालाबाजारी कर आतंकवाद का वित्त पोषण करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड किया है। यह लोग क्रिप्टो करंसी एवं हवाला के माध्यम से पैसा विदेश भेजते थे। आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने मंगलवार को यहां रेल भवन में संवाददाताओं को ई-टिकटिंग की कालाबाजारी से जुड़े गैंग का खुलासा करते हुए कहा कि देश में इस गिरोह के 20 हजार से अधिक एजेंटों वाले करी सवा दो सौ पैनल सक्रिय हैं। गैंग का मुख्य सरगना हामिद अशरफ दुबई में रहता है। यह गिरोह पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तहरीक ए पाकिस्तान से जुड़ा है। इसमें बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में मनी ट्रांजिक्शन के साक्ष्य मिले हैं। सिंगापुर पुलिस उस कंपनी के खिलाफ मनी लॉड्रिंग मामले में जांच कर रही है।
इनमें से गुलाम मुस्तफा सहित करीब 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि गुलाम मुस्तफा को 10 दिनों की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वह गिरिडीह का रहने वाला है। उसके संबंध में बताया कि वह 2015 से सक्रिय है। शुरुआत उसने एक व्यक्तिगत दलाल के रूप में शुरुआत की थी और फिर वह इस नेटवर्क का हिस्सा बन गया। उसने इसके माध्यम से काफी लोगों को यह बेचा है। इसके अलावा अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हालांकि एजेंटों के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं इस मामले में वांछित गुरुजी नामक व्यक्ति के संबंध में उन्होंने कहा कि वह गैंग का टैक्नीकल मास्टर माइंड है। जब्त लैपटॉप में पाकिस्तान और बांग्लादेश के कई नंबर हैं। गुलाम मुस्तफा के खाते से गुरुजी के खाते में पिछले दो माह में 17 लाख रुपये भेजे गये हैं। इनके तार तहरीक ए पाकिस्तान से जुड़े हैं। प्रतिमाह लगभग 15 करोड़ रुपये का रिवेन्यू करते थे।