पेरियार संबंधी टिप्पणी पर माफी मांगने से किया इनकार
नई दिल्ली : तमिलनाडु की राजनीति में दस्तक देने वाले सुपरस्टार रजनीकांत की द्रविड़ आंदोलन के नेता पेरियार ईवीरामासामी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर राज्य में बवाल खड़ा हो गया है। कुछ द्रविड़ संगठनों ने सुपरस्टार से माफी मांगने की मांग की है। वहीं, रजनीकांत ने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने केवल हकीकत बयान किया था। रजनीकांत ने कुछ दिन पूर्व तमिल पत्रिका तुगलक के स्वर्ण जयंती समारोह में वर्ष 1971 की उस घटना का जिक्र किया था जिसमें पेरियार ने सेलम में भगवान राम और सीता की नग्न तस्वीरों के साथ एक रैली निकाली थी। पेरियार के समर्थक इन तस्वीरों पर चप्पल चला रहे थे।
सुपरस्टार ने कहा था कि तमिलनाडु के किसी पत्र-पत्रिका में इतना साहस नही हुआ कि इस घटना का समाचार छाप सके। जानेमाने पत्रकार चोरामास्वामी ने अपनी पत्रिका तुगलक में इस समाचार को छापा था। तत्कालीन द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) सरकार न पत्रिका की प्रतियां जब्त कर ली थीं लेकिन चोरामास्वामी ने इसे फिर से प्रकाशित कराया था। कुछ द्रविड़ संगठनों द्वारा रजनीकांत की इस टिप्पणी का विरोध किया गया तथा उनके खिलाफ प्रदर्शन किए गए। सुपरस्टार ने मंगलवार को कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने सिर्फ एक पुरानी घटना का जिक्र किया था। इस बीच, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा है कि रजनीकांत उनके अच्छे मित्र हैं। उन्हें मेरी सलाह है कि वह पेरियार जैसे बड़े नेता पर कीचड़ न उछालें।