नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण की जमानत की शर्त में बदलाव कर दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी है। इससे पहले कोर्ट ने चंदशेखर को ज़मानत देते हुए 4 हफ़्तों तक उनके दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। एडिशनल सेशंस जज कामिनी लॉ ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद दिल्ली में जब आएं तो डीसीपी को फोन कर बताएं और उसी पते पर रहें, जो पता उन्होंने अपनी याचिका में दिया है। पिछले 18 जनवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह याचिका में दिए गए चंद्रशेखर के दिल्ली के पते को वेरिफाई करे।
कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा आयोजन चुनाव होता है और इसमें सर्वाधिक भागीदारी की जरूरत होनी चाहिए। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद को चुनाव में भाग लेने की इजाजत दी जाती है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि चंद्रशेखर आजाद ने हेट स्पीच दी। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में हेट स्पीच के बारे में कोई केस नहीं है। एफ़आईआर में अधिकांश आरोप जमानती हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि चंद्रशेखर से कानून-व्यवस्था या राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा है।
चंद्रशेखर आजाद की याचिका में कहा गया था कि चंद्रशेखर आजाद अपराधी नहीं हैं। उनको दी गई जमानत की शर्तें गलत और अलोकतांत्रिक हैं। दरअसल कोर्ट ने जमानत की शर्तों में चंद्रशेखर को चार हफ्ते दिल्ली से बाहर रहने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने चंद्रशेखर के चार हफ्ते तक दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने पर रोक लगाई थी। 18 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि चंद्रशेखर ने अपनी जमानत याचिका में दिल्ली का कोई पता नहीं दिया था। उसके बाद उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह चंद्रशेखर के दिल्ली के पते का वेरिफिकेशन करें। 15 जनवरी को कोर्ट ने चंद्रशेखर आजाद को 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया था।