नई दिल्ली. वो कहते हैं न सौ सोनार की तो एक लोहार की. विराट कोहली भी उसी लोहार की तरह बर्मिंघम में इंग्लैंड से अकेले ही लोहा लिया. टीम के बाकी बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बावजूद विराट ने पहली पारी में एक छोर से कमान संभाले रखा और मुकाबले में टीम इंडिया का झंडा बुलंद किए रखा. ऐसा करते हुए कोहली ने न सिर्फ अपने दामन पर इंग्लैंड में रन न बनाने के दाग को धोया बल्कि वहां की धरती पर पिछली 10 पारियों में मिले जख्मों को भी भरा.उन्होंने इंग्लैंड में अपने पहले टेस्ट शतक की स्क्रिप्ट लिखी. 225 गेंदों का सामना करते हुए विराट ने 149 रन बनाए, जो कि उनके टेस्ट करियर का 22 वां , इंग्लैंड के खिलाफ चौथा और इस साल का दूसरा टेस्ट शतक है. यही नहीं विराट एजबेस्टन में टेस्ट शतक जड़ने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज भी बन गए.
सबसे बड़े लड़ैया विराट
बहरहाल, ये सिर्फ सबसे बड़े लड़ैया विराट के सिक्के का एक पहलू है. दूसरा पहलू इससे कहीं ज्यादा दमदार है. ये आंकड़े देखिए. इंग्लैंड के 287 रन के जवाब में टीम इंडिया ने पहली पारी में 274 रन बनाए. इसमें 149 रन अकेले विराट कोहली के बल्ले से निकले. जबकि, बाकी बल्लेबाजों ने मिलकर स्कोर बोर्ड में सिर्फ 105 रन जोड़े. वहीं 20 रन एक्सट्रा के रहे.
बर्मिंघम टेस्ट, पहली पारी
भारत का स्कोर विराट बाकी बल्लेबाज एक्सट्रा
274 149 105 20
दूसरे लहजे में कहें तो टीम इंडिया के बनाए कुल रन में बर्मिंघम में कप्तान विराट कोहली का योगदान 54.37 फीसदी का रहा, जो कि किसी भी भारतीय कप्तान का एक पारी में टीम के स्कोर में दूसरा बेस्ट योगदान है. इससे पहले धोनी ने साल 2014 में इंग्लैंड के ही ओवल में खेले टेस्ट में 55.41 फीसदी रन अकेले बनाए थे.
विराट के ‘दस का दम’
ये तो हुई विराट के अकेले की लड़ाई. अब जरा इस लड़ाई को जीतकर विराट ने पिछले दाग कैसे धोए और पुराने जख्मों पर मरहम कैसे लगाया वो भी देखिए. 2014 के पिछले इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली बुरी तरह असफल रहे थे. उन्होंने 13.4 की मामूली औसत से 10 पारियों में कुल 134 रन बनाए थे. इन 10 पारियों में विराट ने सिर्फ 288 गेंदे खेली थी. लेकिन 4 साल बाद की विराट स्क्रिप्ट में बड़ा बदलाव है. इस बार उन्होंने अभी तक सिर्फ 1 पारी में ही पिछली 10 पारियों से ज्यादा रन बना दिए हैं.
4 साल बाद इंग्लैंड में विराट
2014 साल 2018
10 पारी 01
134 रन 149
288 गेंद 225
2014 में विराट की असफलता पर काफी आलोचना हुई थी. उनकी बल्लेबाजी तकनीक पर सवाल उठे थे. लेकिन, इस बार उन्होंने एक ही पारी से इंग्लैंड से भी पिछली 10 पारियों का हिसाब ले लिया और बदनामी के लगे पिछले दागों को धोते हुए आलोचकों को भी करारा जवाब दे दिया है.