लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध करने वाली भाजपा अब आयोग के बहाने पिछड़ों को छलना चाहती है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा की सरकारों की सोच और नीति कभी ओबीसी हितैषी नहीं रही है। चुनाव से पहले भाजपा द्वारा की जा रही नाटकबाजी को जनता खूब समझती और अब किसी तरह से बहकावे में आने वाली नहीं है।
चुनाव देख सताने लगी पिछड़ों की याद
उन्होंने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि लोकसभा व कुछ हिंदी भाषी राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के कारण भाजपा को अचानक पिछड़ों की याद सताने लगी है। उन्होंने सवाल उठाया कि गत सवा चार वर्ष तक केंद्र सरकार क्यों सोती रही? मायावती ने आरोप लगाया कि अब चुनावी स्वार्थ में संसद के पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए विधेयक लाया रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को अभी भाजपा को जनता को यह जवाब भी देना होगा कि जब पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गयी थी तो विरोध क्यों किया था और वीपी सिंह सरकार क्यों गिरायी थी? उनका कहना है कि भाजपा का चाल, चेहरा और चरित्र हमेशा ही आरक्षण विरोधी रहा है। उन्होंने काफी विलंब से लाए गए विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा को दलितों व आदिवासियों के संवैधानिक हक को लगातार नकारने की नीति व नीयत त्याग कर शिक्षा व अन्य सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरा कराना चाहिए।