उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपने सरकारी बंगले मे तोड़-फोड़ करना काफी महंगा पड़ सकता है, क्योंकि उनके सरकारी बंगले की जिस जांच पर सबकी नजरें टिकी थीं, उसकी रिपोर्ट निर्माण विभाग ने राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी है। राज्य सम्पत्ति विभाग ने इस रिपोर्ट को सीएम दफ्तर भेज दिया है।
बंगले में मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग के काम का नुकसान हुआ है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एके शर्मा ने इस मामले मे एक 266 पेज की रिपोर्ट राज्य संपत्ति अधिकारी को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश को मिले बंगले का ग्राउंड फ्लोर ही स्वीकृत था। फर्स्ट फ्लोर का निर्माण उन्होंने खुद कराया था जिसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया है। ग्राउंड फ्लोर पर भी जगह-जगह टाइल्स उखड़ी मिलीं है। सेनेट्री का सामान भी अच्छा खासा गायब मिला है। बिजली की फिटिंग और वायरिंग को भी अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया गया था। हैरानी की बात तो यह है कि जाच कमेटी को बंगले की टॉयलेट की सीट तक उखड़ी हुई मिली। जांच कमेटी ने अपने रिपोर्ट में बंगला खाली करने के दौरान कुल 10 लाख रुपये का नुकसान आंका है।
बंगले को हुए नुकसान की वीडियोग्राफी कर एक सीडी भी बनाई गई है। बता दें कि शासन ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को बंगले में हुए नुकसान की एक टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिए थे। सूत्रो के मुताबिक खबर है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस दिया जा सकता है। हालांकि, नोटिस देने से पहले रिपोर्ट का अध्ययन करने के साथ ही कानूनी राय भी ली जाएगी। और इस रिपोर्ट की एक प्रति अदालत मे भी दाखिल की जाएगी।