वाराणसी : मकर संक्रान्ति पर्व पर बुधवार को घने कोहरे कड़ाके की ठंड और गलन के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर दानपुण्य के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाई। स्नानार्थियों के चलते दशाश्वमेध से लेकर गोदौलिया तक मेले जैसा नजारा रहा। इस दौरान घाट पर और काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा का व्यापक इंतजाम रहा। जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ के जवान जहां घाटों पर मुस्तैद दिखे वहीं अफसर फोर्स लेकर सड़कों पर चक्रमण करते रहे। पर्व पर गंगा स्नान के लिए वाराणसी सहित पूर्वांचल के ग्रामीण अंचल से आई महिलाएं सिर पर गठरी लिए मां गंगा के गीत गाते हुए नंगे पाव स्नान के लिए आती रही।
गंगा स्नान के लिए सबसे अधिक भीड़ प्राचीन दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, शीतला घाट, पंचगंगाघाट, भैसासुरघाट, खिड़कियाघाट, अस्सी घाट, राजघाट, चेतसिंह किला घाट पर जुटी रही। गंगा स्नान दान पुण्य के बाद लोगों ने बाबा के दरबार में भी हाजिरी लगाई। बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही। स्नानार्थियों से पूरा गोदौलिया क्षेत्र पटा रहा। इस पर्व पर दशाश्वमेध मार्ग स्थित खिचड़ी बाबा मंदिर से प्रसाद स्वरुप भक्तों में खिचड़ी बांटी गई। लोगों ने उत्साह के साथ खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया, इसके बाद अपने घरों को रवाना हुए।