नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपित और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रातुल पुरी को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। पिछले 13 दिसम्बर को जस्टिस सुरेश कैत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने कहा था कि रातुल पुरी को जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट ने सभी दस्तावेजों और साक्ष्यों पर गौर नहीं किया। पिछले 2 दिसम्बर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रातुल पुरी को जमानत दी थी।
ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा दो तरह से करीब 17 मिलियन युरो दिए गए। ये रकम क्रिश्चियन मिशेल की कंपनी के जरिए रातुल पुरी को दिए गए। ईडी की ओर से वकील एनके माटा ने कोर्ट को बताया था कि जांच के दौरान परिसर की भी तलाशी ली गई, जहां से कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। माटा ने बताया था कि दूसरे अभियुक्त जसप्रीत आहुजा ने रातुल पुरी को धन मुहैया करवाने में मदद की थी। जसप्रीत आहुजा ने पैसों को लाने के लिए कुछ कंपनियां बनवाईं और उसके जरिए पैसा रातुल पुरी तक पहुंचाया गया। पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने ईडी को रातुल पुरी से तिहाड़ जेल में 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक पूछताछ की अनुमति दी थी। रातुल पुरी पर आरोप है कि अगस्ता हेलीकॉप्टर केस में उनकी कंपनियों में दुबई से पैसा ट्रांसफर किया गया था।