वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यदि बेरोजगारी बढ़ती है और आय घटती है तो युवाओं और विद्यार्थियों में गुस्से की भावना उत्पन्न होने का खतरा है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि देश सीएए और एनपीआर के विरोध में लगा हुआ है। दोनों एक स्पष्ट और वर्तमान खतरे को प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि तेजी से नीचे जा रही अर्थव्यवस्ता देश के लिए एक बड़ा खतरा है।
चिदंबरम ने कहा कि यदि बेरोजगारी इसी तरह बढ़ती है और लोगों की आय में कमी आती है तो युवाओं और विद्यार्थियों में गुस्से की भावना उत्पन्न होने का खतरा है। साथ ही उन्होंने बढ़ती उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को लेकर भी सरकार पर हमला बोला।
सोमवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने की चीजों की ज्यादा कीमतों की वजह से दिसंबर 2019 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.35 प्रतिशत तक बढ़ गई जो रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई सामान्य सीमा से अधिक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2018 में 2.11 प्रतिशत थी। वहीं, नवंबर 2019 में 5.54 प्रतिशत थी।
चिदंबरम ने कहा कि अक्षम प्रबंधन का चक्र पूरा हो गया है। श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जब जुलाई 2014 में सरकार संभाली थी, तो सीपीआई मुद्रास्फीति 7.39 प्रतिशत पर थी। दिसंबर 2019 में यह 7.35 फीसदी थी।
उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति 14.12 प्रतिशत है। सब्जियों की कीमत 60 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। प्याज की कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। यही अच्छे दिन हैं जिसका भाजपा ने वादा किया था।