नई दिल्ली। महाराजा का दर्जा प्राप्त देश की एकमात्र सरकारी विमानन कंपनी ने मार्च से अप्रैल 2018 की अवधि के दौरान अच्छा खासा रेवेन्यू हासिल किया है। इस अवधि के दौरान विमानन कंपनी के रेवेन्यू में 20 फीसद का उछाल देखने को मिला है। नए ट्रिप के लिए हर विमान के उड़ान घंटों में वृद्धि को रूट समीक्षा की शुरुआत की गई है। यह जानकारी एयरलाइन्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप सिंह खरोला ने दी है।
खरोला ने बताया कि फिलहाल विमानन कंपनी का ध्यान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सेक्टर में ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने पर है। विमानन बाजार में हुए समग्र विकास से एयरलाइन को मिले लाभ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मार्च-अप्रैल के दौरान रेवेन्यू पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 फीसद बढ़ा है जो करीब 3,000 करोड़ रुपए है। हालांकि खर्च अभी भी काफी अधिक है।”
खरोला ने इंटरनैशनल रूट्स (अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों) से अधिक उम्मीद जताई है जो एयर इंडिया के रेवेन्यू में 70 फीसद का योगदान दे रहे हैं। साथ ही यह भी बताया कि तेल अवीव जैसे नए गंतव्य से अच्छा रिटर्न मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सैन फ्रांसिस्को रूट पर फ्वाइट्स की संख्या बढ़ाई गई है।
उन्होंने आगे कहा, “हम संचालन क्षमता सुधारने पर जोर दे रहे हैं। हम रूटों की समीक्षा कर रहे हैं और यह तलाश कर रहे हैं कि कौन से रूट अधिक लाभकारी हैं। इसके साथ ही हम सभी विमानों के उड़ान घंटों में वृद्धि करना चाहते हैं। हम घंटों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं ताकि समान एयरक्राफ्ट से ट्रिप की संख्या बढ़ाई जा सके।”