कांग्रेस ने की ‘छपाक’ तो भाजपा ने बांटी ‘तानाजी’ की टिकट
भोपाल : दीपिका पादुकोण अभिनीत एसिड सर्वाइवर पर बनी फिल्म ‘छपाक’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। दीपिका पादुकोण द्वारा जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने के बाद इस फिल्म कही विरोध हो रहा है तो कई लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं। भाजपा अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उनकी फिल्म के बहिष्कार की मांग कर रही है। इससे अलग मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। जिसके बाद अब भाजपा सडक़ों पर उतर आई है और विरोध प्रदर्शन कर रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को लेकर विवादित बयान तक दे डाला था। फिल्म को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच अब मुख्यमंत्री कमलनाथ फिल्म और कलाकारों के बचाव में उतर आए हैं।
‘छपाक’ और ‘तानाजी’ फिल्म को लेकर कांग्रेस और भाजपा में कुछ अलग सी होड़ मची हुई है। जहां कांग्रेस ने लोगों को दीपिका की छपाक फिल्म देखने के लिए टिकटें बांटी तो भाजपा ने तानाजी फिल्म देने के लिए लोगों की टिकट बांटी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर फिल्मों और उसमें काम करने वाले कलाकारों का बचाव किया है और कहा है कि सभी फि़ल्में कोई ना कोई अच्छा व सामाजिक संदेश लेकर आती है इसलिए इसे दलों व विचारधाराओं में बाँटना और राजनीति से जोडऩा गलत है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा ‘फि़ल्मों व कलाकारों को दलों में, विचारधाराओं में बाँटना व राजनीति से जोडऩा पूरी तरह से गलत परंपरा। यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है। कई फि़ल्में अच्छे सामाजिक संदेश के साथ व सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती है।
उन्होंने कलाकारों का समर्थन करते हुए कहा कि कलाकार भी एक इंसान, उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज़ादी है। उसके लिये उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना क़तई उचित नहीं। विचारधारा के आधार पर एक फि़ल्म का सपोर्ट, एक का विरोध, यह हम देश को कहाँ ले जा रहे है? आगे अपने ट्वीट में सीएम कमलनाथ ने लिखा कि ‘सभी फि़ल्मों को, सभी कलाकारों को एक नज़रिये से देखना चाहिये। कलाकारों को बाँटना क़तई सही नहीं। मैं तो जनता से अपील करता हूँ कि वे अपनी सोच, विचार, मनोरंजन व पसंद अनुसार कोई भी फि़ल्म देखे, यह उनका अधिकार। देश में किसी को हक़ नहीं कि वो हमें बताये कि हम क्या देखे, कौन सी फि़ल्म देखे, कौन सी नहीं। सभी फि़ल्में कोई ना कोई अच्छा व सामाजिक संदेश लेकर आती है।