कृष्णानगर में वकील की नृशंस हत्या से मचा हड़कम्प, इंस्पेक्टर सस्पेंड

प्रियंका व शिवपाल ने कानून व्यवस्था पर उठाये सवाल
एक आरोपी गिरफ्तार, फरार आरोपियों की तलाश जारी
साथी वकीलों ने कलेक्ट्रेट में शव रखकर किया हंगामा

लखनऊ : कृष्णानगर क्षेत्र में बेखौफ बदमाशों ने मंगलवार देर रात वकील शिशिर त्रिपाठी की नृशंस हत्या कर दी। वकील की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश बताई जा रही है। हत्या की खबर मिलते ही सकैड़ों की संख्या में पहुंचे साथी वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज मृतक के वकील साथियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में शव रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मृतक के पिता ने गांजा तस्करी से जुड़े लोगों पर हत्या का शक जताया है। वहीं, पुलिस हत्या की वजह पुरानी रंजिश मान रही है। पुलिस ने एक आरोपित विनायक ठाकुर को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस मामले में मृत के भाई की तहरीर पर केस दर्जकर फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। मामले में इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह की लापरवाही उजागर होने के बाद उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार कृष्णानगर के दामोदरनगर निवासी शिशिर त्रिपाठी (32) वकील थे। शिशिर अपने परिवार के साथ रहते थे। भाई शरद त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार रात पड़ोस के रहने वाले उपेंद्र तिवारी उर्फ मोनू, विनायक ठाकुर, धीरज कुमार, मुस्तफा, शुभम यादव समेत अन्य लोगों ने पुरानी रंजिश को लेकर भाई शिशिर से विवाद करने लगे। शिशिर ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने वीआईपी रोड़ स्थित शमसान घाट के पास उस पर लोहे की रॉड, ईंट, पथर और चाकू से हमला कर दिया। हमले में शिशिर गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस की मदद से शिशिर को उपचार के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान शिशिर ने तम तोड़ दिया। शिशिर की मौत की खबर मिलते ही साथी वकील मौके पर पहुंचे और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। वहीं, घटना के बाद पुलिस ने घटना में शामिल विनायक ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। वहीं, वकील शिशिर त्रिपाठी हत्या मामले में मृतक के परिवार को जिलाधिकारी ने दो लाख व सेंट्रल बार एसोसिएशन की तरफ से 50 हजार की आर्थिक सहायता दी गई है।

मृतक के बड़े भाई शरद त्रिपाठी ने बताया कि गांजा तस्कर मोनू तिवारी से शिशिर की रंजिश चल रही थी। जिसके चलते कई बार मोनू ने उनके भाई को जान से मारने की धमकी भी दी थी। तीन साल से मोनू तिवारी तस्करी कर रहा था। बीते दिन बातचीत करने के लिए भाई से मिलने भी आया था। वहीं, मृतक के पिता ने बताया कि मंगलवार शाम उनके बेटे शिशिर को दो युवक घर से अपने साथ बुलाकर ले गये थे। दो घंटे बाद एक युवक आया और कहा कि शिशिर को लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया है। जब पिता समेत अन्य परिजन वहां पहुंचे तो शिशिर की मौत हो चुकी थी। उनके चेहरे समेत अन्य हिस्सों पर धारदार हथियार के साथ लोहे के रॉड से हमला किया गया था। वहीं, कृष्णानगर पुलिस ने गांजा बेचने के आरोप में एक युवक को जेल भेजा था, जिसमें उपेंद्र तिवारी ने शिशिर पर आरोप लगाया था कि उसके इशारे पर गांजे के साथ युवक को पकड़ा गया। इसी बात को लेकर दोनों में रंजिश हुई। मामला थाने भी पहुंचा, लेकिन कृष्णानगर थाने की पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। जिस कारण इतनी बड़ी वारदात हो गई।

घटना के विरोध में वकीलों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव को सीधे कलेक्ट्रेट परिसर के भीतर रखकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये। इसके साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया। इसके साथ ही कई जगहों पर वकील सड़कों पर उतरकर पुलिस विरोधी जमकर नारे लगाए। इसके साथ ही कार्रवाई व पीड़ित परिवार के लिए इंसाफ की मांग की। वहीं, सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा जिसमें एसोसिएशन ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने के साथ ही परिवार के लिए सहायता की मांग की। एसोसिएशन ने कहा कि अधिवक्ता के परिजनों को एक करोड़ रुपये सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

उधर, कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, ‘सोरांव के विजयशंकर तिवारी और शामली के अजय पाठक की हत्या के बाद अब लखनऊ में अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई। क्या प्रदेश पूरी तरह से अपराधियों के हाथ में है? भाजपा सरकार कानून व्यवस्था के बारे में पूरी तरह फेल है। मैं इन सभी परिवारों की न्याय की लड़ाई में इनके साथ खड़ी हूं।‘ इसके साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में हुई अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की निर्मम हत्या के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दे। शिवपाल कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया।

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