राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय वेश्यावृति रैकेट के चंगुल से 39 लड़कियों को छुड़ाया गया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर मंगलवार देर रात इन लड़कियों को दिल्ली के पहाड़गंज से आजाद कराया. इन लड़कियों को नेपाल से यहां वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेलने के लिए लाया गया था.
यही नहीं, इससे पहले स्वाति मालीवाल ने मंगलवार शाम वसंत विहार पुलिस थाना क्षेत्र से 18 महिलाओं को छुड़ाया था. इनमें भी 16 महिलाएं नेपाल की हैं. पुलिस ने बताया कि एक संयुक्त अभियान में वाराणसी पुलिस की अपराध शाखा और दिल्ली पुलिस ने कल वसंत विहार पुलिस थाना क्षेत्र में एक मकान पर छापेमारी की और 18 महिलाओं को छुड़ाया.
कई दिनों से बंद कमरे में कैद थीं महिलाएं
पुलिस के मुताबिक इन महिलाओं को पिछले कुछ दिनों से घर में बंद रखा गया था और उन्हें जल्द ही तस्करी के जरिए खाड़ी देशों में भेजा जाने वाला था. उन्होंने इस बाबत पूछताछ के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि इन महिलाओं को आश्रय गृहों में भेजा जाएगा और उन्हें वापस भेजने के लिए नेपाली दूतावास से संपर्क किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को जहां रखा गया था, वहां से 68 पासपोर्ट बरामद किए गए जिनमें से सात भारतीय पासपोर्ट हैं.
नौकरी के झांसे में फंसीं महिलाएं
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नेपाली महिलाओं को नौकरियों का झांसा दिया गया और उन्हें पहले उत्तर प्रदेश के वाराणसी लाया गया. जुलाई के पहले हफ्ते में दो नेपाली महिलाएं तस्करी करने वालों के चंगुल से भागने में कामयाब रहीं. उन्होंने नेपाल में पुलिस को इस रैकेट के बारे में बताया, जिसके बाद नेपाल पुलिस ने नेपाल दूतावास से संपर्क किया.
दूतावास की सूचना के आधार पर वाराणसी पुलिस ने पिछले हफ्ते वाराणसी में एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की. उन्होंने शिवपुर थाना क्षेत्र से जय सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान सिंह ने बताया कि नेपाली महिलाओं के एक समूह को तस्करी के जरिए पश्चिम एशिया ले जाया जा रहा है. भागने में कामयाब रही दो महिलाओं और सिंह के बयान के आधार पर वाराणसी अपराध शाखा ने दिल्ली पुलिस के साथ अभियान चलाया.
‘मानव तस्करी का केंद्र बना दिल्ली, सोती रहती है पुलिस’
छुड़ाई गई महिलाओं ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को बताया कि वे नेपाल के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों की रहने वाली हैं. महिला आयोग ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने बताया कि वे बहुत गरीब हैं और नेपाल के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों की रहने वाली हैं. उनमें से ज्यादातर ने भूकंप में अपने घर-परिवार गंवा दिए हैं. उनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है.’
मालीवाल ने कहा, ‘दिल्ली मानव तस्करी का केंद्र बन गया है. दिल्ली महिला आयोग को इन रैकेटों के बारे में पता चलता है, अन्य राज्यों की पुलिस को उनके बारे में पता चल जाता है, लेकिन दिल्ली पुलिस सोती रहती है. वाराणसी पुलिस ने मुझे बताया कि मैदान गढ़ी के उस मकान का इस्तेमाल पिछले कई साल से महिलाओं की जत्थों में तस्करी के लिए होता था. स्थानीय पुलिस को इसके बारे में कैसे पता नहीं चला?’
वसंत विहार से 25 जुलाई को भी छुड़ाई गई थीं 16 लड़कियां
बीते 25 जुलाई को दिल्ली महिला आयोग ने 16 लड़कियों को बचाया था. इन लड़कियों को कुछ दिन पहले ही नेपाल से दिल्ली लाया गया था. इन्हें साउथ दिल्ली के मुनिरका इलाके में पिछले कुछ दिनों से एक कमरे में रखा गया था. इन लड़कियों के पासपोर्ट को भी छीन लिया गया था. इन्हें इराक और गल्फ कंट्री में देह व्यापार के लिए भेजने की तैयारी थी. इन 16 लड़कियों में से 7 लड़कियों को इराक ओर बाकी को दूसरी गल्फ कंट्री में भेजा जाना था. दिल्ली महिला आयोग ने इन्हें छुड़ाया और शेल्टर होम भेज दिया.