आतंकवाद पीड़ित विश्व में शांति के लिए महात्मा गांधी की जरूरत : निशंक

दिल्ली के प्रगति मैदान में 9 दिवसीय विश्व पुस्तक मेला शुरू

नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि आज आतंकवाद दुनिया भर में शांति के लिए खतरा बना हुआ है ऐसे में विश्व समुदाय को महात्मा गांधी की जरूरत है। दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) भारत द्वारा आयोजित 28वें वार्षिक विश्व पुस्तक मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया भर में आतंकवाद की घटनाएं हो रही हैं। आपसी सामजस्य को दरकिनार कर व्यक्तिगत स्वार्थों को महत्व देने की प्रवृति समाज में भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए चुनौती बन गई है। ऐसे समय में हमें गांधी के सत्य और अहिंसा के विचारों का पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल व्यक्ति, समाज और देश को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को आज गांधी की जरूरत है। गांधी के पास सत्य, प्रेम और अंहिसा थी।

उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति, समाज ओर राष्ट्र के पास प्रेम, समर्पण और सच्चाई नहीं है वो रहते हुए भी पत्थर के समान है। एशिया के सबसे बड़े पुस्तक मेला ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह के मद्देनजर मेले की थीम ‘गांधी: द राइटर्स राइटर’ रखी है। यह थीम भारतीय साहित्य और भारत और विदेशों के कुछ प्रमुख लेखकों पर गांधी के प्रभाव को रेखांकित करती है। निशंक ने कहा कि साहित्य लोगों का सबसे बड़ा दोस्त है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है जिसमें 600 से अधिक प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है और पूरी दुनिया ने भारत से सीखा है।

इस वर्ष विश्व पुस्तक मेले में महात्मा गांधी पर एक विशेष मंडप बनाया गया है। पुस्तक मेले में देश और विदेशी लगभग 600 प्रकाशकों की हजारों पुस्तकें रखी गई हैं। उद्घाटन समारोह में प्रख्यात गांधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। विश्व पुस्तक मेला 4 जनवरी से शुरू होकर 12 जनवरी तक चलेगा। मेला जनता के लिए सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा। स्कूल की वर्दी में आने वाले बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों का प्रवेश निशुल्क होगा। इस साल, बंगला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मैथिली, मलयालम, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित विभिन्न भाषाओं में 600 से अधिक प्रदर्शक 1300 से अधिक स्टालों पर किताबें प्रदर्शित करेंगे।

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