उल्लेखनीय है कि अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसम्बर 2019 को 110 अरब डॉलर के टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री को पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को “अवैध” ठहराया और आरओसी को “टाटा संस” का दर्जा प्राइवेट कंपनी से वापस बदलकर पब्लिक कंपनी करने को कहा। एनसीएलएटी के फैसले के पांच दिन बाद दायर आवेदन में मुम्बई स्थिति आरओसी ने न्यायाधिकरण से फैसले के पैरा 186 और 187 (4) में जरूरी संशोधन का आग्रह किया है ताकि आरओसी की भूमिका गलत नहीं बल्कि कंपनी कानून के प्रावधानों के तहत सही दिखे।
टाटा-मिस्त्री विवाद : एनसीएलएटी ने कंपनी के पंजीयक की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को टाटा संस और सायरस मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक (आरओसी) की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस.जे.मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में इस अपील की सुनवाई कर रही दो सदस्यीय खंडपीठ ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा है। पीठ ने इसके लिए चुकता पूंजी की जरूरत पर स्पष्टीकरण भी मांगा है। इस बीच , टाटा संस के अधिवक्ता ने एनसीएलएटी को जानकारी दी कि कंपनी ने उसके 18 दिसम्बर के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है। हालांकि, उसने यह भी बताया कि अभी यह याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है।