आज वायुसेना से रिटायर होगा मिग-27, कारगिल युद्ध में निभाई PAK के खिलाफ निर्णायक भूमिका

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ अहम भूमिका निभाने वाला हीरो मिग-27 लड़ाकू विमान की आज वायुसेना से विदाई हो जाएगी। राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से आज मिग-27 के आखिरी स्क्वॉड्रन के आखिरी 7 लड़ाकू विमानों की विदाई होगी। मिग-27 विमानों की विदाई के लिए कार्यक्रम शुरू हो चुका है।

भारतीय वायुसेना की 29वीं स्क्वॉड्रन इकलौती यूनिट है, जो मिग-27 विमानों के अपग्रेडेड वैरियंट का इस्तेमाल कर रही है। मिग-27 आज जोधपुर एयरबेस से मिग-27 अपनी आखिरी उड़ान भरेगा।जोधपुर में भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर आज शुक्रवार को डी-इंडक्शन सेरेमनी में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस समारोह की अध्यक्षता दक्षिण पश्चिमी एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एस के घोटिया करेंगे। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के मौजूदा और रिटायर अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

मिग-27 पिछले चार दशकों से भारतीय वायु सेना के जमीनी हमले के बेड़े की रीढ़ रहा है।फाइटर जेट की आखिरी उड़ान जोधपुर एयरबेस पर होगीस जहां मिग 27 को संचालित करने वाला एकमात्र स्क्वाड्रन आधारित है। अन्य सभी प्रकार, जैसे कि मि -23 बीएन एंड मिग -23 एमएफ और शुद्ध मिग 27 पहले ही भारतीय वायु सेना से रिटायर हो चुके हैं।

कब हुई स्थापना ?

वर्तमान में, IAF 29 स्क्वाड्रन एकमात्र इकाई है जो मिग 27 अपग्रेड का संचालन करती है।यह स्क्वाड्रन 10 मार्च 1958 को एयरगन स्टेशन हलवारा में हमारागन (टोफानी) विमान से उठाया गया था। इन वर्षों में, स्क्वाड्रन को मिग 21 प्रकार 77, मिग 21 प्रकार 96, मिग 27 एमएल और मिग 27 अपग्रेड सहित कई प्रकार के लड़ाकू विमानों से सुसज्जित किया गया है।

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