गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों का शहीदी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया

लखनऊ : ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों का शहीदी पर्व बड़ी श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि ने बताया कि इस अवसर पर विशेष रुप से श्री पटियाला से आए भाई जसकरन सिंह जी एवं नानकमत्ता से आए भाई दिलबाग सिंह जी ने संगतों को शबद कीर्तन द्वारा निहाल किया। हेड ग्रंथि ज्ञानी परमजीत सिंह जी ने बताया कि साहिबजादों की शहादत धर्म को बचाने के लिए की गई। फतेहगढ़ साहिब मे गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को दीवार में सिर्फ इसलिए चिनवा दिया गया कि उन्होंने अपना धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म नहीं अपनाया। सरहिंद पर वो पुण्य भूमि थी जहाँ कण-कण से आवाज़ आती थी कि “सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं”।

नौकर गंगू ने लालच के कारण वजीर खां से मुखबिरी की जिससे उन्हें गिरफ्तार कर ठंडे बुर्ज में रखा गया कि वे इस्लाम धर्म स्वीकार कर लें।पर जीदार बच्चों ने जोर से जयकारा लगा दिया”जो बोले सो निहाल,सत श्री अकाल”।फिर जब उन्हें सलामी के लिए कहा गया तो भी उन्होंने जबाब दिया कि “हम अकाल पुरख और अपने गुरु,पिता के अलावा अन्य किसी के आगे सर नहीं झुकाते।” जिससे क्रोधित हो उन्हें जीवित ही दीवार मे चुनना शुरू किया गया।साथ ही साहिबजादों ने ‘जपु जी साहिब’ का पाठ करना शुरू किया।दीवार पूरी हुई और अंदर से जयकारे की आवाज़ आयी।दीवार तोड़ी गयी।बच्चे जिंदा थे और मुगलों का क़हर बाक़ी।जबरन साहिबजादों को मार दिया गया।उधर साहिबजादों के शहीद होने की ख़बर सुन कर माता गुजरी जी ने अकाल पुरख को इस गर्वमयी शहादत के लिए आभार किया और प्राण त्याग दिए।

गुरुद्वारा सचिव ने बताया कि कल 27 तारीख को 3 बजे गुरुद्वारा साहिब में चार साहबजादे मूवी दिखाई जाएगी। 26 दिसंबर 1704 में गुरुगोबिंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया। सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि डॉक्टर गुरमीत सिंह के संयोजन में गुरुद्वारा यहियागंज में 31 दिसंबर की रात में विशेष दीवान सजाया जाएगा जिसमें मुख्य रूप से भाई कुलदीप सिंह जी देहरादून से पधार रहे हैं रात को 12:00 बजे फूलों की वर्षा होगी। इधर श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं इस अवसर पर 1 जनवरी शाम एवं 2 जनवरी को प्रातः से लेकर देर रात्रि तक दीवान सजाए जाएंगे। इस अवसर पर विश्व विख्यात भाई गगनदीप सिंह जी श्री गंगानगर से एवं भाई कुलदीप सिंह जी देहरादून से पधार रहे हैं रात्रि 1:00 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के ऊपर गुलाब के फूलों से फूलों की वर्षा होगी।

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