2019 चुनाव के लिए जहां विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के ख़िलाफ़ एक होने में लगी हुई है. वहीं बीजेपी सरकार भी इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. सभी विपक्षी पार्टियों का आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ एक होना उसके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. हालांकि ख़बरें तो कुछ ओर ही बयां कर रही है. जहां मोदी सरकार को 2019 लोकसभा चुनाव में ख़तरा विपक्ष से नही बल्कि जनता की एक जरूरत से होता हुआ दिखाई दे रहा है.
ताजा ख़बरों की माने तो मोदी सरकार के लिए अगले चुनाव में तेल की कीमतें एक बड़ा सिर दर्द साबित हो सकती है. बताया जा रहा है तेल की कीमतों का मुद्दा आम चुनाव में अहम रोल अदा करेगा. बता दे कि देश में लगातार तेल की कीमतें आसमान छू रही है. जिससे आम व्यक्ति को काफी महंगाई की मार झेलनी पड़ी है. मई माह में लगातरा 16 दिनों तक पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे वहीं चालू माह में भी लगातार 7 और 5 दिन तक ईंधन के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
मोदी सरकार से देश की जनता अब तक तेल के दामों पर ख़फ़ा ही है. सरकार ने इसके लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए है. अगर समय रहते सरकार ने इस पर लगाम नही लगाई तो महागठबंधन से उसके लिए तेल की कीमतें बड़े चुनौती साबित हो सकती है. बता दे कि भारत के आयात बिल का सबसे बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम आयात ही है