लखनऊ : प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ एवं उनकी पत्नी श्रीमती मायादेवी शर्मा, शिक्षाविद्, भारतीय संस्कृति व सभ्यता के प्रचार-प्रसार हेतु आज 15-दिवसीय यात्रा पर इंग्लैण्ड रवाना हो गये। इंग्लैण्ड रवाना होने से पूर्व पं.शर्मा के ईष्ट-मित्रों, शुभचिंतकों व समाज के प्रबद्ध नागरिकों ने अमौसी एअरपोर्ट पर फूलमालाएं पहनाकर उनकी सफल यात्रा की शुभकामनाएं दी। पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ के निजी सचिव राजेन्द्र चौरसिया ने बताया कि साहित्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर पं. हरि ओम शर्मा भारतीय संस्कृति, संस्कार व सामाजिक सरोकारों पर 17 पुस्तकें लिख चुके हैं। शर्मा जी अपनी लेखनी द्वारा समाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। आपने अपनी लेखनी से युवा पीढी को जो रास्ता दिखाया है, अब उसे वह ग्रेट ब्रिटेन की युवा पीढ़ी को दिखाने जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान पं.शर्मा वभिन्न सामाजिक संस्थानों, शैक्षिक संस्थानों, हिन्दीभाषी स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों एवं अन्य ख्यातिप्राप्त हस्तियों से मुलाकात कर भारतीय संस्कृति, संस्कार व सामाजिक सरोकारों पर महत्वपूर्ण चर्चा-परिचर्चा करेंगे।
चौरसिया ने बताया कि उनकी यह यात्रा विदेश की धरती पर भारतीय संस्कृति व सभ्यता का अलख जगाने में महत्वपूर्ण साबित होगी, साथ ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को भी चहुँओर प्रवाहित करेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों का आदान-प्रदान ही विश्व एकता एवं विश्व शान्ति की आधारशिला है। चौरसिया ने आगे कहा कि पं.शर्मा की लेखनी सतत् गतिमान है और उनकी 18वीं पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है। आपकी पुस्तकों को सिर्फ देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी बहुत सराहा गया है। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम व डा. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, मॉरीशस के तत्कालीन राष्ट्रपति अनिरुद्ध जुगनाथ एवं नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत देश-विदेश की अनेकों हस्तियों ने पं.शर्मा के लेखन का सराहा है। शर्माजी की पुस्तकें अब इंग्लैण्ड में भारतीय संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों का परचम लहराने जा रही है, जो लखनऊ के लिए गर्व की बात है।
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