उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के साथ महिला और बालकों के खिलाफ अपराधों में आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने के लिए नए सिरे से कसरत शुरू हुई है। ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल को भी और सशक्त बनाने की तैयारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस मुख्यालय में अभियोजकों व विवेचकों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया।
गोमतीनगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय के अवनि प्रेक्षागृह में कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन के लिए कानून का राज जरूरी है। कानून का राज तभी स्थापित होगा जब अपराधी के मन में कानून का भय होगा। यह भय सजा दिलाने से ही पैदा होगा। हर कानून अपने आप में परिपूर्ण है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि कानून की परिपूर्णता उसको लागू करने वाले लोगों की सामर्थ्य और क्षमता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि पाॅक्सो से संबंधित मामलों में प्रतिबद्धता तय करते हुए समयबद्ध ढंग से इसे आगे बढ़ाएं तो अपराधी को समय से सजा दिला सकते हैं। समय से मिला न्याय ही न्याय कहलाता है। तत्काल घटित घटना पर मिली तत्काल सजा बहुत बड़ा संदेश है। दुष्प्रवृत्ति में संलिप्त अन्य तत्वों को भी यह एक चेतावनी है। उन्होंने कहा जब तक अपराधी के मन में भय नहीं होगा तब तक वह कानून का सम्मान नहीं सीखेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे विश्वास है कि साइबर क्राइम की बढ़ती दुष्प्रवृत्ति के बारे में जब देश के सबसे बड़े प्रदेश में लोगों में आशंका पैदा हो रही है तो यह साइबर कार्यशाला अपराध की रोकथाम के लिए एक ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि किसी निरपराध व्यक्ति के खिलाफ अनावश्यक रूप से कोई कार्रवाई न होने पाये, लेकिन कोई अपराधी बचने भी न पाए। इसलिए विवेचना ढंग से की जाए और फिर अभियोजन द्वारा अपराधी को सजा दिलाई जाए। साइबर क्राइम एक चुनौती है और प्रदेश सरकार इस चुनौती के लिए तैयार है। प्रदेश में हर रेंज स्तर पर एक फॉरेंसिक लैब और साइबर थाने की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार का अपना फॉरेंसिक और पुलिस विश्वविद्यालय भी होगा, जिससे हम अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ कानून का राज स्थापित करने की ओर तेजी से कार्य कर सकेंगे।
विवेचना व अभियोजन की बारीकियों पर होगी चर्चा
पुलिस मुख्यालय में अभियोजकों व विवेचकों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में 13 व 14 दिसंबर को विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर विवेचना व अभियोजन की बारीकियों पर चर्चा होगी। कार्यशाला के पहले दिन साइबर विशेषज्ञ मुकेश चौधरी साइबर अपराधियों की मोडस ऑपरेंडी, ई-मेल व सोशल मीडिया, बैंक फ्राड पर चर्चा करने के साथ ही डिजिटल फोरेंसिक व साक्ष्यों के संकलन की जानकारी दे रहे हैं।