अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को गले लगाने के बाद जहां बीजेपी ने इसकी आलोचना की, वहीं कांग्रेस लगातार इसे भुनाने में लगी हुई है. कांग्रेस जगह-जगह पर इसके पोस्टर बनवाकर लगवा रही है. इस पोस्टर पर कैप्शन लिखा है कि ‘नफरत से नहीं प्यार से जीतेंगे.’ लेकिन बीजेपी ने इस इसे धार्मिक रंग दे दिया है.
दरअसल कांग्रेस ने पोस्टर पर जो कैप्शन लिखा है उसमें ‘नफरत’ भगवा रंग से और ‘प्यार’ हरे रंग से लिखा हुआ है. इस वजह से बीजेपी, कांग्रेस के ऊपर हिंदू-विरोधी होने का आरोप लगा रही है.अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले है. इसकी तैयारी कांग्रेस पार्टी ने शुरू कर दी है.
चुनाव संबंधित चर्चा के लिए हाल ही में राहुल गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग बुलाई थी जिसमें पी चिदंबरम, शशि थरूर, रणदीप सुरजेवाला सहित मनीष तिवारी जैसे कांग्रेस के कद्दावर नेता शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार खास बात यह थी कि इस मीटिंग में राहुल गांधी ने मुंबई में पोस्टर लगाने के कदम को सही नहीं ठहराया. उन्होंने चिदंबरम और शशि थरूर से भी कहा कि अगर वो कोई कॉलम लिखते हैं तो उनका फोकस सरकार की कमियों पर होना चाहिए.
उन्होंने हिदायत दी कि ऐसा कुछ नहीं लिखें जिसका बीजेपी फायदा उठा पाए. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का मुद्दा लोक-कल्याण, अर्थव्यवस्था से जुड़ा होने के साथ-साथ मोदी सरकार के कुशासन पर केंद्रित होना चाहिए. दरअसल कांग्रेस इस तरह का कोई कदम नहीं उठाना चाहती जिससे बीजेपी अपने कैंपेन में सफल हो पाए. इसलिए बेहतर तरीका है कि वो सरकार की कमियों पर फोकस करे.