
डॉ. आलोक कालरा ने एरोमा के राष्ट्रीय स्वरूप के बारे में बताया। इस अवसर पर डॉ. सौदान सिंह ने जिरेनियम और मिंट की खेती उत्तर भारत में व्यावसायिक स्तर पर करने की सलाह दी और उनकी प्रौद्योगिकी के बारे में बताया। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की अग्रणी पौध शोध प्रयोगशाला सीमैप में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 13 राज्यों से आए 100 किसान एवं उद्घमियों ने भाग लिया। जिसमें मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमांचल प्रदेश, राजस्थान एवं तेलंगाना इत्यादि राज्यो से प्रतिभागियों ने विशेष व्याख्यान माला में भाग लिया और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 150 जिरेनियम की खेती कर रहे किसानों ने भी भाग लिया।