नई दिल्ली : लोकसभा ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने से जुड़ा ‘नागरिकता संशोधन विधेयक-2019’ मत विभाजन के बाद पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े। लोकसभा में दिनभर की चर्चा के बाद रात 11 बजे विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर देेते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यको के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार हुआ है। इन लोगों को नरक की जिंदगी से निकालने के लिए सरकार इन्हें नागरिकता देने जा रही है।
केवल 3 देशों और कुछ समुदायों को ही नागरिकता देने के प्रश्न का उत्तर देते हुए अमित शाह ने कहा कि यह केवल एक विशेष परिस्थिति को देखते हुए लाया गया प्रावधान है। यह किसी समुदाय के लिए नहीं लाया गया है बल्कि एक प्रताड़ित अल्पसंख्यक वर्ग के लिए लाया गया है। अभी तक नागरिकता के मुद्दे पर समय-समय पर इसी तरह के प्रावधान विशेष स्थिति और तात्कालिक चुनौती को देखते हुए लाए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन 3 देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं है, इसलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है।
गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने देश का धार्मिक आधार पर विभाजन स्वीकार किया था जिस सत्य को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में अब ऐसा नहीं होगा कि लम्हों की खता की सजा सदियों को भुगतनी पड़े। गृह मंत्री ने कहा कि सभी उत्तर पूर्व के राज्य इस विधेयक के समर्थन में आ गए हैं। संविधान की धारा 371 के तहत इन राज्यों को विशेष प्रावधानों के संरक्षण का विधेयक में पूरा प्रावधान किया गया है। मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू होने के बाद ही इस कानून को लागू किया जाएगा। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर लाया जाएगा और भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र का यह हिस्सा भी रहा है।