‘काव्य क्षेत्रे काव्य किरीट’ सम्मान से नवाजे गये वरिष्ठ साहित्यकार रंगनाथ मिश्र

‘धरती पर होता नहीं, तब कोई कंगाल’ को मिली सराहना

लखनऊ : ‘काव्य क्षेत्रे’ साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’ को ‘काव्य क्षेत्रे काव्य किरीट’ सम्मान से नवाजा गया। बाल निकुंज इंटर कालेज में आयोजित इस सम्मान समारोह में ‘काव्य क्षेत्रे ‘संस्था की ओर से कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ रचनाकार नरेन्द्र भूषण, संस्था के संस्थापक अध्यक्ष हरिमोहन वाजपेयी ‘माधव’ और संस्था के महासचिव राजेंद्र कात्यायन ने प्रदान किया। इस अवसर पर आयोजित काव्य समारोह में उपस्थित कवियों और रचनाकारों ने मनमोहक काव्य पाठ कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

कार्यक्रम की शुरुआत में वाणी की देवी मां सरस्वती का माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया गया। इसके बाद लक्ष्मी शुक्ला ने मां की सुंदर वाणी वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात विभिन्न विधाओं के कवियों ने रसधार से सबको सराबोर कर दिया। वरिष्ठ कवि नरेन्द्र भूषण, अशोक कुमार पाण्डेय अशोक, केपी त्रिपाठी पुंज, मंजुल मिश्र ‘मंज़र, राजा भैया राजाभ, सुरेश गुप्ता अनाम, हरि मोहन वाजपेई ‘माधव’, राजेन्द्र कात्यायन और अमित पांडेय ने काव्य पाठ किया। राजेन्द्र कात्यायन की रचना ‘जितने बढ़ते बाल हैं, उतना बढ़ता माल, धरती पर होता नहीं, तब कोई कंगाल’ काफी सराही गई।

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