बेटियों की शिक्षा के लिए सरकार द्वारा चलाई गई तमाम योजनाओं के बाद भी आज देश के कुछ गांव में उन्हें सही रूप से शिक्षा नहीं मिल पा रही है. छात्राएं स्कूल में पढ़ने जाती हैं लेकिन वहां उन्हें शिक्षा देने के बदले में उनसे शौचालय साफ़ करवाए जा रहे है. हाल ही में एक ऐसी ही घटना देवरिया जिले से सुनने में आई है जहां दो छात्राओं ने ये आरोप लगाया है कि विद्यालय में उनसे शौचालय साफ़ करवाया जा रहा था और जब उन्होंने साफ़ करने से मना कर दिया तो उन्हें स्कूल से भगा दिया.
सूत्रों की माने तो सोमवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा सलीमा और नाफरीन को हॉस्टल की वार्डन श्रुति मिश्रा ने उन्हें शौचालय साफ़ करने के लिए कहा था लेकिन छात्राओं ने इससे इंकार कर दिया जिसके बाद वार्डन ने सजा के तौर पर छात्राओं को घर जाने को कह दिया था. दोनों ही छात्राएं में मज़बूरी में पढ़ाई छोड़ दी. बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संतोष देव पांडे ने बताया कि, इस मामले के लिए उन्होंने जांच के आदेश के दिए है और उस हिसाब से आगे कदम उठाए जाएंगे.
सलीमा कक्षा सातवीं की छात्रा है और नाफरीन कक्षा छठी की छात्रा है. दोनों ही छात्राएं रामपुर पुलिस थानाक्षेत्र के सानी पट्टी इलाके की रहने वाली है. उनके पिता मजदूरी करते है. छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, वार्डन उन्हें कई बार उन्हें शौचालय साफ़ करने के लिए कहती थी. वो दोनों पढ़ना चाहती हैं लेकिन फिर भी वार्डन उन्हें ख़राब व्यव्हार करती थी. इस बार उन्होंने वार्डन को शौचालय साफ़ करने से मना कर दिया था जिसके बाद टीचर ने उन्हें स्कूल से भगा दिया.