मॉनसून की शुरुआती बेरुखी के बाद मध्य प्रदेश में इन दिनों बादल जमकर बरस रहे हैं. भारी बारिश से जहां तामपान में कमी आई है तो वहीं कई इलाकों में नदियां उफान पर भी आ गई हैं जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
बीते 24 घंटों में मध्यप्रदेश के भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और होशंगाबाद संभागों में अच्छी खासी बारिश रिकॉर्ड की गई है. नलखेड़ा में 13 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, तो कोलारस में 11 सेंटीमीटर. एमपी के मशहूर पर्यटन स्थल पचमढ़ी में 9 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, तो वहीं शिवपुरी, गंधवानी, व्यावरा और कुरवई में 8 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई.
मौसम विभाग के मुताबिक देवास, सारंगपुर, रेहली औरदेवरी में 7 सेंटीमीटर तो वहीं उज्जैन, आगर, नरसिंहपुर, जबलपुर सतना और खुरई में 5 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. भारी बारिश ने पूरे मध्यप्रदेश को एक साथ तरबतर कर दिया है जिसके कारण ज्यादातर जगहों के नदी, नालों के उफान पर होने से रास्ते बंद हो जाने की खबरें आ रही है.
मंगलवार को ग्वालियर के पास डबरा के गांव उर्वा में भारी बारिश के बाद तालाब में इतना पानी भर गया कि तालाब का तटबंध टूट गया जिससे उर्वा गाँव के आसपास पानी भर गया और इलाके के खेतों में तालाब का पानी घुस गया. इसके अलावा श्योपुर में भी रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. बारिश से पार्वती नदी उफनने के कारण श्योपुर-कोटा सड़क मार्ग को बंद करना पड़ा.
वहीं कटनी जिले में पिछले दो दिन से हो रही बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बीते दो दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश से जिले के ढीमरखेड़ा तहसील में अनेक जगहों पर पानी पुल के ऊपर से बह रहा है. जगह जगह सड़को में जल भराव से लोंगो को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटो में राज्य के उज्जैन, ग्वालियर, शाजापुर, भिंड, पन्ना, श्योपुरकलां, दतिया, डिंडोरी, अनूपपुर, रीवाल बालाघाट, सतना, आगर, मंदसौर और नीमच ज़िलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, शहडोल, रीवा और होशंगाबाद संभाग के जिलों में वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें होने का भी पूर्वानुमान लगाया गया है.
मौसम केंद्र भोपाल के मुताबिक उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश एवं उसके आसपास सहित दक्षिण उत्तर प्रदेश में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और साथ ही हवा के ऊपरी हिस्से में 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है जिसके चलते पूरे मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है.