सरकार जल्द ही नए सेना प्रमुख का एलान करने जा रही है। दरअसल, वर्तनाम आर्मी चीफ बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने जा रहे हैं। नए सेना प्रमुख के लिए तीन नामों की लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दी गई है।
बीपिन रावत के रिटायरमेंट से दो सप्ताल पहले नए आर्मी चीफ की घोषणा कर दी जाएगी। COAS पद के लिए जिन तीन अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है, वे हैं- उप प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवने, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतिंदर कुमार सैनी।
लेफ्टिनेंट जनरल नरवने से जुड़े कुछ तथ्य
सितंबर में उप-प्रमुख बनने से पहले पूर्वी कमान और सेना प्रशिक्षण कमान (ARTRAC) का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल नरवने, बाकी दोनों उम्मीवारों से वरिष्ठ हैं और इस पद के लिए पसंदीदा हैं। इसके साथ ही उन्हें कश्मीर और उत्तर पूर्व दोनों में आतंकवाद रोधी अभियानों में व्यापक अनुभव है। उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन की भी कमान संभाली है, जो जम्मू-कश्मीर में सेना की आतंकवाद-रोधी सेना है। साथ ही वह नारायण भारतीय शांति रक्षा बल का हिस्सा थे, जब इसे गृह युद्ध के दौरान श्रीलंका में तैनात किया गया था।
बिपिन रावत की जुड़ी कुछ खास बातें
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत 1978 दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे। तब उन्हें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटैलियन में कमिशन मिला था।
बिपिन रावत ने देश के 26वें आर्मी चीफ के तौर पर कार्यभार संभाला था। इससे पहले सितंबर 2016 में वह वाइस चीफ बने थे। वाइस चीफ बनने से पहले रावत पुणे में सदर्न कमांड के जीओसी इन कमांड थे। रावत ने लंबे समय तक अशांत इलाकों में काम किया है। तीन दशकों में उन्होंने भारतीय सेना में अगम पदों पर काम किया हैं। उन्होंने 1986 में चीन से लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर इन्फेन्ट्री बटैलियन की कमान संभाली।
उन्होंने ब्रिगेडियर के तौर पर कॉन्गो में यूएम पीसकीपिंग मिशन के मल्टीनैशनल ब्रिगेड की अगुआई की थी। इसके अलावा रावत 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिविजन की अगुआई भी कर चुके हैं।