बेंगलुरु : 132 एकड़ में फैली हुई हुलीमावु झील का रविवार को बांध टूटने के बाद सोमवार को राहत कार्य जारी हैं। हादसे के पश्चात नागरिक सुरक्षा क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) बचाव नौका, डी-वॉटरिंग फ्लोटिंग पंप, लाइफ जैकेट्स, फ्लोटिंग स्ट्रेचर, रोप्स, शोल्स, फर्स्ट एड किट्स, सर्च लाइट्स और अन्य संबंधित इक्विप्मेंट्स लेकर घटनास्थल पर पहुंची और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। करीब 800 से अधिक घर इसकी चपेट में आये हैं। महापौर गौतम कुमार ने रविवार को कहा था कि लगभग 250 परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। टीम के अनुसार, प्रभावित स्थानों का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया गया जिसमें कुछ क्षेत्रों में 2 फीट से पांच फीट के बीच पानी भरा पाया गया। 5 घंटे के बचाव अभियान के बाद 130 से अधिक लोगों को रस्सी के सहारे निकाला गया जबकि 63 लोगों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया, जिनमें से कई वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। सिविल डिफेंस द्वारा बचाए गए लोगों की कुल संख्या 193 है। फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां भी ऑपरेशन में शामिल थीं।
बता दें कि शहर स्थित हुलीमावु झील का बांध टूट जाने के बाद सैंकड़ों घर इसकी चपेट में आ गए जिसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है। यह घटना रविवार को हुई जिसमें झील के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ नकदी को भी खो दिया क्योंकि बांध टूट जाने के बाद पानी इनके घरों में घुस गया था। आवासीय परिसरों के बेसमेंट्स से पानी बाहर निकालने के लिए पंप्स की मदद ली जा रही है। स्थानीय लोगों के पास सब कुछ छोड़कर अपने घरों से भागने का कोई विकल्प नहीं था। पानी का बहाव इतना तेज था कि एसयूवी कार भी बह गई। झील के टूटने के कारण अरेकेरे वार्ड एक द्वीप की तरह दिख रहा है। झील पूरी तरह से कीचड़ से ढकी है। बता दें कि एक ठेकेदार ने बिना अनुमति के यहां पाइप बिछाने का काम शुरू किया था। वह घटना के तुरंत बाद मौके से भाग गया।