केरल पुलिस विवादास्पद कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को सबरीमाला स्थित भगवान अय्यपा मंदिर में प्रवेश के लिए सुरक्षा नहीं प्रदान करेगी। केरल सरकार ने यह फैसला किया है कि जब तक उसे कोर्ट का आदेश नहीं मिल जाता, तब तक वह पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित आयुवर्ग वाली महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए सुरक्षा नहीं प्रदान करेगी।
फातिमा ने पिछले साल अक्टूबर में 30 साल की उम्र में पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया था, लेकिन भारी विरोध के कारण लौटना पड़ा था। इस साल भी फातिमा ने मंदिर में प्रवेश के लिए आवेदन किया है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार भगवान अय्यपा मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सभी उम्र की महिलाओं को भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी, लेकिन हाल ही में उसने अपने निर्णय की समीक्षा के लिए मामले को बड़ी पीठ में भेजने का निर्णय लिया है। इस पर राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाया है और कहा है कि सबरीमाला आंदोलन की जगह नहीं है।