फोर्टिफिकेशन उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाले 58 कारोबारियों को किया गया सम्मानित
कानपुर : उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आम जनमानस को गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ पहुंचाने के उद्देश्य से बराबर छापेमारी करता है। खासकर त्योहारों के समय विभाग की टीमें एक निश्चित लक्ष्य लेकर अभियान चलाती हैं और मिलावटखोरों पर अंकुश लगाती हैं। अगर देखा जाय तो अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग की छापेमारी प्रक्रिया अच्छी है। यह बातें कानपुर में मीडिया से मुखातिब होते हुए उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन ने कहीं।
जनता तक फोर्टिफाइड और सेव ऑयल पदार्थों को पहुंचाने वाले कारोबारियों और व्यवसायियों को उत्साहित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य तेल फोर्टिफिकेशन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। होटल लैंडमार्क में हुई इस फोर्टिफिकेशन वर्कशॉप में उत्तर प्रदेश शासन की अपर मुख्य सचिव डॉ अनीता भटनागर जैन और अपर आयुक्त राहुल सिंह मुख्य अतिथि रहें और दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सेमिनार में 60 प्रतिशत से अधिक फोर्टिफिकेशन उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाले 58 कारोबारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव डॉ अनीता भटनागर जैन ने बताया कि 18 फरवरी से विभाग द्वारा फोर्टीफाइड सेमिनार द्वारा यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। फोर्टीफाइड तेल विटामिन ए, विटामिन डी की डेफिशियेंसी और माइक्रोन्यूटेंश की कमी की प्रतिपूर्ति करता है और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। फोर्टीफाइड पदार्थ एफएससीआई भारत सरकार द्वारा प्रावधानिक है और यह एफएस सिंबल के साथ बाजारों में मिल रहा है। इतना ही नहीं खाद्य विभाग की टीम द्वारा साल भर होने वाली छापेमारी पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य विभाग हर मौसम का कैलेंडर बनाकर कार्रवाई और छापेमारी करता है। होली पर तीन सप्ताह पहले से छापेमारी और दिवाली पर नौ दिन पहले से छापेमारी शुरु की जाती है। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छापेमारी प्रक्रिया अन्य प्रदेशों की अपेक्षा यूपी में अच्छी है।