अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलम्पियाड जियोफेस्ट इण्टरनेशनल 2019 का भव्य उद्घाटन
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, जॉपलिंग रोड कैम्पस एवं राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलम्पियाड ‘जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2019’ का उद्घाटन आज सायं मुख्य अतिथि श्री नन्द कुमार गुप्ता ‘नंदी’, कैबिनेट मंत्री, राजनीतिक पेंशन एवं अल्पसंख्यक कल्याण, उ.प्र., ने दीप प्रज्वलित कर सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म तथा विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने वर्ल्ड पार्लियामेन्ट की अनूठी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया जिसके माध्यम से छात्रों ने विश्व की ज्वलन्त समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया। विदित हो कि ‘जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2019’ का आयोजन 15 से 19 नवम्बर 2019 तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलम्पियाड में देश-विदेश से पधारे 500 से अधिक छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि नन्द कुमार गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि समाज को आपसे बहुत अपेक्षायें हैं। भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषय का ज्ञान प्राप्त करके अनेक विश्वव्यापी समस्याओं का हल खोजा जा सकता है। धरती के प्राकृतिक संसाधन सभी के लिए हैं, इनका बंटवारा नहीं होना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस आयोजन से बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम व पर्यावरण को शुद्ध और स्वच्छ रखने की भावना जागृत होगी।
‘जियोफेस्ट इण्टरनेशनल-2019’ की संयोजिका व सी.एम.एस. जॉपलिंग रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या शिप्रा उपाध्याय ने कहा कि इस भूगोल ओलम्पियाड को आयोजित करने का उद्देश्य देश-विदेश के छात्रों में साफ-सुथरी तथा हरी-भरी धरती को निर्मित करने का उत्साह जगाना है। इस तरह के आयोजनों से देश-विदेश के छात्रों को धरती के गर्भ में छिपे संसाधनों से परिचित होने में अत्यधिक सफलता मिलेगी, साथ ही पर्यावरण संवर्धन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए छात्रों को उत्साहित किया जायेगा।
सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि इस ओलम्पियाड में देश-विदेश के छात्र जिस जोश व उमंग के साथ भाग ले रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि भावी पीढ़ी मानव जाति के अस्तित्व की सुरक्षा हेतु ईश्वर प्रदत्त धरती को साफ-सुथरा तथा हरा-भरा बनाये रखने हेतु जागरूक हो रही है। डा. गाँधी ने जोर देकर कहा कि छात्रों व युवा पीढ़ी को पर्यावरण की चिन्तनीय स्थिति से रूबरू कराना हम सभी का परम दायित्य है तभी आने वाली पीढ़ी इस विभीषिका को समझ पायेगी एवं इसका समाधान ढूँढ पायेगी।