नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे फॉरेस्ट में पेड़ों को काटने के मामले पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। तब तक सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश बरकरार रहेगा यानी कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को होगी। पिछले 21 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ कर दिया था कि उसने पेड़ों को काटने पर रोक लगायी है, निर्माण कार्य पर नहीं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि कितने पेड़ काटे गए थे? नए पौधे कितने लगाए गए ? उनमें से पौधे कितने बचे हैं? कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट को तस्वीरें भी उपलब्ध कराई जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने मेट्रो और मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से पूछा था कि क्या इस इलाके में कोई व्यावसायिक प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सिर्फ इतने ही क्षेत्र से नहीं बल्कि पूरे इलाके को देखना चाहते हैं।
बीएमसी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को ये आश्वस्त किया था कि पेड़ों की कटाई नहीं होगी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद से वहां यथास्थिति बहाल रखी गई है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मेट्रो की सेवाओं के विस्तार के लिए मेट्रो शेड प्रोजेक्ट का पूरा होना जरूरी है। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में मेट्रो बनने से सात लाख वाहन रोड से हट गए, जिससे वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिली।