लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन के बाद पार्टी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। अपेक्षित तवज्जो न मिलने से नाराज बुजुर्ग नेताओं में बगावती सुर उठने लगे हैं। इनमें से कई नेताओं ने गुरुवार को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह के घर बैठक कर भावी रणनीति पर चर्चा भी की। असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं की बैठक में हुई चर्चा के संबंध में हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की माने तो इन नेताओं ने पार्टी के वर्तमान नेतृत्व की कार्य प्रणाली के प्रति काफी नाराजगी व्यक्त की है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सिराज मेहदी, सत्यदेव त्रिपाठी, बोध नारायण मिश्र, रामकृष्ण द्विवेदी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक मौजूद रहे।
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले दिनों सात अक्टूबर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन करते हुए राजबब्बर के स्थान पर विधायक अजय कुमार लल्लू प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके अलावा पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश कार्यकारिणी में चार उपाध्यक्ष, 12 महामंत्री और 24 मंत्री नियुक्त किया। प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी में युवाओं को ज्यादा तवज्जो दिया गया है। नई कार्यकारिणी के सदस्यों की औसत आयु 40 वर्ष है। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं को समायोजित करने के लिए 18 सदस्यीय एडवाइजरी काउंसिल (सलाहकार परिषद) और व सदस्यीय वर्किंग ग्रुप गठित किया है और इनमें कुछ बुजुर्ग नेताओं को शामिल किया गया है लेकिन अधिकतर वरिष्ठ नेता पार्टी नई कार्यकारिणी की कार्य प्रणाली और व्यवहार से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस के एक बुजुर्ग नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी का नया नेतृत्व वरिष्ठ नेताओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रहा है। ऐसे में जिन लोगों ने मेहनत कर पार्टी संगठन को जिन्दा रखा वे अब असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए दो दिन पहले एक समिति गठित की, उसमें में अब तक महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया गया।