सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की दोबारा सिफारिश कर दी है। इसके साथ ही कोलेजियम ने दो और न्यायाधीशों इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन को भी सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश भेजी है। जस्टिस बनर्जी मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हैं और जस्टिस सरन उड़ीसा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।
जस्टिस केएम जोसेफ का नाम लंबे समय से कोलेजियम और सरकार के बीच टकराव की वजह बना है। सरकार ने जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता पर सवाल उठाते हुए पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी। लेकिन कोलेजियम की ओर से दोबारा की गई सिफारिश सरकार पर बाध्यकारी है। कोलेजियम ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने के मुद्दे पर सरकार से टकराव टाल दिया है।
पहले कोलेजियम ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने सिफारिश पुनर्विचार के लिए वापस भेज दी थी। अब उन्हें दिल्ली के बजाए झारखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। जबकि पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है।
दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा वीके ताहिलरमानी को मद्रास हाई कोर्ट, ऋषिकेश राय को केरल हाई कोर्ट, केएस झावेरी को उड़ीसा और एमआर शाह को पटना हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है।
कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की दोबारा सिफारिश करते हुए कहा है कि उसने सरकार की ओर से भेजे गए 26 और 30 अप्रैल के दोनों पत्रों में उठाई गई आपत्तियों पर गहनता से विचार किया है। कोलेजियम सारे पहलुओं पर गौर करने के बाद अपनी सिफारिश दोहराती है। विशेषतौर पर इस बात को देखते हुए कि जोसेफ की उपयुक्तता के बारे में सरकार ने कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के लिए दो और नामों की सिफारिश करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 31 पद मंजूर हैं जबकि अभी सिर्फ 22 जज ही काम कर रहे हैं और नौ पद खाली हैं।
कोलेजियम ने जिन दो जजों की और सिफारिश की है उनमें जस्टिस इंदिरा बनर्जी हाई कोर्ट जजों की आल इंडिया वरिष्ठता में चौथे नंबर पर आती हैं और जस्टिस विनीत सरन वरिष्ठता में पांचवें नंबर पर आते हैं। जस्टिस बनर्जी मूल रूप से कलकत्ता हाई कोर्ट की हैं जबकि सरन मूलतः इलाहाबाद हाई कोर्ट के हैं।
उधर सरकार के सूत्र बताते हैं कि सरकार हाई कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों को लेकर गंभीर है और इस वर्ष अभी तक सरकार 93 नामों की सिफारिश कोलेजियम को भेज चुकी है। इसके अलावा अगले सप्ताह तक लगभग 33 नामों की और सिफारिश भेजी जा सकती है इस तरह इस वर्ष भी कुल 126 सिफारिशें हो जाएंगी जो कि पिछले वर्ष की अधिकतम नियुक्ति की संख्या को पार कर सकती हैं।