छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे गांव में करीब एक पखवारे से हाथियों का उत्पात लगातार चल रहा है। कभी इस गांव तो कभी उस गांव में हाथियों का झुंड पहुंचता है और किसानों की फसलों को बर्बाद कर देता है। इसी क्रम में एक घर को हाथियों ने रविवार की रात घेर कर तहस नहस कर दिया और रास्ते में आए एक युवक को कुचल कर मार डाला।
बीते दिनों शीश टोला, रंपकुरर गांव में किसानों की फसल बर्बाद करने, आशियाना गिराने के बाद भी हाथियों का झुंड गांव के पास ही बना रहा और जंगल की ओर नहीं गया। रात रात भर वन विभाग के कर्मियों के साथ ग्रामीण हाथियों को मौके से भगाने में जुटे रहे। रविवार की रात करीब नौ बजते ही आधा दर्जन की संख्या में हाथियों का झुंड दोबारा गांव में आ गया और एक घर को निशाना बनाकर घेर लिया। हालांकि ग्रामीणों ने किसी तरह से आग जलाकर हाथियों को वहां से भगाया। जंगल जाते समय रास्ते में एक व्यक्ति को कुचल कर मार डाला घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया रात में ही वन विभाग पुलिस की टीम गांव में पहुंच गई।
ग्रामीणों के अनुसार देर रात में हाथियों के झुंड ने राय सिंह के घर को घेर लिया। घर के भीतर उस समय दो लोग फंसे हुएथे। बाद में ग्रामीणों की मदद से दोनों को सकुशल बाहर निकाला गया। फंसे लोगों में एक आठ बर्षीय बच्ची भी थी। उसे भी ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वही देर रात लगभग ढाई बजे हाथियों के दल ने जंगल किनारे डुमरहर गांव निवासी राजेंद्र गोंड़ (25) पुत्र शिव बरन गोंड़ पर हमला बोल दिया और कुचल कर मार डाला। रात में ही जानकारी होने के बाद मौके पर उपनिरिक्षक राजेंद्र यादव पहुंचे और शव का पंचनामा भर कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
हाथियों ने छीन लिया बच्चों के सर से पिता का साया
डुमरहर गांव में बीती रात को हाथियों के हमले में मृतक राजेन्द्र गोड़ पूना में ड्राइवर का काम करता था। अभी दीपावली के त्योहार पर घर आया था। मृतक की पत्नी देवमती की चीख पुकार देख बरबस ही लोगों के आखों में आंसू आ जा रहे थे। मृतक राजेंद्र की एक पुत्री ममता (4) और गोलू (2) हैं। अबोध बच्चों के सर से पिता का साया हटने से गांव भर में मातम पसरा हुआ है।
क्षेत्र में हाथियों आ आतंक
क्षेत्र में हाथियों का उत्पात विगत 22 अक्टूबर से लगातार जारी है। इस दौरान रम्पकुरर, करम घट्टी, मगरमाड़, शीश टोला, नवाटोला, सेमरिया गांव में हाथियों के झुंड ने उत्पात मचा रहा है। वहीं शोभा व चन्द्रिका पुत्रगण गुलाब निवासी सेमरिया को पटक कर घायल कर चुके हैं। एक वनकर्मी सहित दो लोगों की मौत हाथियों द्वारा कुचले जाने से हुई है। जबकि लगभग पचास किसानों की फसल बर्बाद कर चुके हैं और छत्तीसगढ़ बार्डर लगभग पांच किलोमीटर के दायरे में लगातार हाथी उत्पात मचा रहे हैं।