विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बहस कुछ ही देर में होगी। इससे पहले भी राजनीतिक जोड़ घटाव जारी है। सभी दलों के नेताओं का संसद पहुंचने का क्रम जारी है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है।लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन में जानकारी दी कि शाम 6 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू होगी।
-सदन के भीतर भी कांग्रेस नेता मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव पर कम समय देने को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को जो वक्त दिया गया है, वो काफी कम है। इस पर से पाबंदी हटनी चाहिए।
-इस बीच बीजेडी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
– लोकसभा की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की संसद में बैठक चल रही है। इस बैठक में राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मौजूद हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, देश का विश्वास पीएम के साथ है। ईमानदारी से काम करने पर कांग्रेस को परेशानी हो रही है। सदन में सरकार के पास बहुमत है।
वहीं राहुल गांधी पर भी उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि, “देखते हैं कि राहुल गांधी के बोलने से कितना बड़ा भूचाल आता है।”
सरकार की अहम सहयोगी शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना रुख साफ कर दिया है। संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्वव ठाकरे ने फैसला लिया कि शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहेगी।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि, “शिवसेना वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहेगी। इसके लिए सांसदों को निर्देश दिए जा चुके हैं। राउत ने कहा कि, सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। सबका पता है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, मगर लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार होता है।”
वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “सरकार ने सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है। आज किसान, युवा सब परेशान हैं। ऐसे में सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है।”
– इस बीच भाजपा की तरफ से लोकसभा में राजनाथ सिंह, राकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह और अर्जुन मेघवाल अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे। वहीं शाम को प्रधानमंत्री मोदी भी अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखेंगे।
– मलिल्कार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में बोलने के लिए वक्त कम मिला है लेकिन इस दौरान जनता के मुद्दे सदन में रखेंगे।
– भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है।
– भाजपा अध्यक्ष अमित साह अन्य नेताओं के साथ संसद पहुंचे। मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन विक्ट्री साइन दिखाया।
– सदन में प्रस्ताव पर चर्चा से पहले 10.30 बजे पीएम मोदी भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
– भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जनता को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है। उसके पास अंकगणित नहीं है।
– शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि 10.30 से 11 बजे के बीच शिवसेना यह तय करेगी कि क्या करना है। राउत के अनुसार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे स्वयं बताएंगे की सदन में क्या कदम उठाना है।
बता दें कि लोकसभा स्पीकर ने इस प्रस्ताव पर बहस के लिए आज दिन भर का समय दिया है और इस दौरान कौन कितनी देर बोलेगा इस पर भी फैसला हो चुका है। जहां विपक्ष इस प्रस्ताव के बहाने सरकार को कमजोर दिखाने की कोशिश में है वहीं सरकार आज सदन में केवल जीत नहीं बल्कि दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव खारिज कर विपक्ष का मनोबल कमजोर करने की तैयारी में है।
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस सुबह 11 बजे से शुरू होगी और इस अहम मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि संसदीय लोकतंत्रा का आज अहम दिन है। मुझे यकीन है कि मेरे साथी सांसद इस मौके पर खड़े होंगे और एक ठोस, लाभदायक और बाधा रहित बहस करेंगे। हम संविधान निर्माताओं और देशवासियों के आभारी हैं। आज पूरे देश की नजरें हम पर होंगी।
गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में इसका खाका तैयार हुआ और पार्टी के विभिन्न नेता अलग-अलग दलों से बात कर यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि राजग से बाहर खड़े दल भी वोटिंग के वक्त सरकार के साथ रहें।
दरअसल, सरकार विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव को बड़ा राजनीतिक हथियार बनाना चाहती है। कुछ उसी लिहाज से भाजपा के प्रतिनिधि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर हमला भी करेंगे। इसमें तुष्टीकरण, सांप्रदायिकता, गरीबोन्मुखी योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी जैसे मुद्दे शामिल होंगे। चर्चा के दौरान सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई जाएंगी। सरकार की जीत में कोई संशय नहीं है। लेकिन इसे बड़ी जीत बनाने और यह जताने की कोशिश होगी कि राजग और भावी राजग के सामने विपक्षी महागठबंधन की राजनीतिक हैसियत नहीं है।
अन्नाद्रमुक आ सकता है साथ :
सूत्रों की मानें तो अन्नाद्रमुक को साथ जोड़ा गया है। उसके 37 सांसद अगर समर्थन में वोट देते हैं तो आंकड़ा 350 के पार जा सकता है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने इसका संकेत भी दे दिया। उन्होंने कहा-“सोनिया जी का गणित कमजोर है। पहले भी एक बार उन्होंने 272 का दावा किया था लेकिन वह पूरा नहीं हुआ।
बाद में राजग सरकार को जरूर 300 से ज्यादा वोट मिले थे। बीस साल बाद इतिहास खुद को दोहराएगा। हमें सुदूर दक्षिण, दक्षिण और पूर्व से भी समर्थन मिलेगा और लोग भौंचक होंगे।” उन्होंने दलों के नाम नहीं बताए लेकिन माना जा रहा है कि अन्नाद्रमुक से समर्थन का संकेत मिल गया है।
बीजद व टीआरएस वोटिंग से दूर, शिवसेना का असमंजस!
गुरुवार देर शाम तक की स्थिति में माना जा रहा है कि बीजद और टीआरएस वोटिंग से दूर रहेंगे। जबकि शिवसेना दिन-भर असमंजस में रही। दिन में घोषणा की कि वह सरकार का समर्थन करेगी लेकिन देर रात यह बयान जारी कर दिया कि पार्टी इस बारे में किसी फैसले पर नहीं पहुंची है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से इस बारे में बात की थी।
तय हुआ बोलने का समय
लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होने वाली चर्चा में कौन पार्टी कितना बोलेगा, इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने समय तय कर दिया है। बिना लंच ब्रेक के कुल चर्चा के लिए सात घंटे का वक्त तय किया गया है। जिसे सदन की सहमति से थोड़ा बढ़ाया जा सकता है। चर्चा के लिए पार्टी की शक्ति के आधार पर समय तय किया जाता है। उसके अनुसार हर दल के लिए नियत समय इस प्रकार है —
भाजपा- 3 घंटे 33 मिनट
कांग्रेस- 38 मिनट
एआइएडीएमके- 29 मिनट
तृणमूल कांग्रेस- 27 मिनट
बीजू जनता दल- 15 मिनट
शिवसेना- 14 मिनट
टीडीपी- 13 मिनट
टीआरएस- 9 मिनट
भाजपा के सात-आठ वक्ता होंगे :
अपना संख्या बल बनाए रखने को भाजपा जहां बुधवार से ही अपने सांसदों की राज्यवार बैठक कर रही थी, वहीं बहस के दौरान विपक्ष को करारा जवाब देने के लिए वक्ताओं की सूची कुछ इस तरह तैयार की गई है कि सभी अहम राज्यों का प्रतिनिधित्व दिखे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा की ओर से कम से कम सात-आठ वक्ता होंगे। यह राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों से भी होंगे। और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त जैसे बड़े नाम भी शामिल होंगे।