कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन ऑल आउट का आलम ये है कि आतंकी दुम दबाकर इधर-उधर जंगलों में भाग रहे हैं और अपनी जान बचाने के लिए नए पैतरे खोज रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक घाटी में मौजूद जैश ए मोहम्मद के खूंखार आतंकी बौखलाहट में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी ब्लास्ट लर सकते हैं. सुरक्षाबलों ने इसके लिए अलर्ट भी जारी किया है.
जैश के ट्रेनिंग कैंप में ली ट्रेनिंग
खुफ़िया सूत्रों ने जानकारी दी है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पुलवामा, अवंतीपुरा, शोपियां में आईईडी ब्लास्ट करके सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं. यह सब काम जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ओजीडब्लू यानी ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से अंजाम दे सकते हैं. खुफिया सूत्रों ने आज तक को जानकारी दी है कि जैश-ए-मोहम्मद का आईईडी मास्टरमाइंड अबू बकर ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से शोपियां, पुलवामा और अवंतीपुरा में आईईडी के जरिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की तैयारी में जुटा है. इसके लिए अबू बकर ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश के ट्रेनिंग कैंप न्याली में आईईडी असेम्बल करने और ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग ली है.
जैश-ए-मोहम्मद सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की फ़िराक में क्यों?
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत इस साल 112 आतंकियों को ढेर किया है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के लोकल और विदेशी आतंकी मारे गए हैं. सुरक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है कि 35 से ज्यादा जैश के आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है. इन 35 मारे गए जैश के आतंकियो में 30 आतंकी तो विदेशी यानी पाकिस्तानी हैं. आज तक के पास जैश-ए-मोहम्मद के कश्मीर घाटी में मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों की पूरी लिस्ट मौजूद है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण नाम छोटू उर्फ कारी मुश्ताक, मोहम्मद आदिल उर्फ मोहम्मद भाई, राशिद भाई उर्फ खालिद खान, उमर खालिद, यासिर, अशफाक अहमद खान उर्फ हरीश खान, आबिद मकबूल भट्ट उर्फ उमर भाई शामिल हैं. ये सब पाकिस्तान से आए हुए आतंकी हैं, जिनको सुरक्षाबलों ने इस साल ढेर किया है.
जैश के आतंकियों के इस तरह मारे जाने की वजह से जैश के आतंकी चुपचाप ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाने की फ़िराक में है. सुरक्षाबलों ने खुफिया इंटरसेप्ट के बाद ऐसे खतरे से निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है. पाकिस्तान भारत-पाक सीमा पर गोलीबारी का शिकार उन निहत्थे लोगों को बना रहा है जो अपने जीवन यापन के लिए बॉर्डर के सटे गांव में रहते हैं. खुफिया जानकारी के मुताबिक एक ओर जहां पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आम लोगों को निशाना बनाने में जुटा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी के लिए उसने अलग प्लान तैयार किया है.
खुफिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक अधिकृत कश्मीर के नयाली में 150 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को विशेष तरीके की ट्रेनिंग दिलवा रहा है. इस ट्रेनिंग के बाद इन आतंकवादियों को सीमा पार से घुसपैठ कराने का प्लान है. इस ट्रेनिंग में आतंकियों का ब्रेनवॉश करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद का सेकंड इन कमांड “अब्दुल रऊफ” कई बार नायली इस आतंकी कैंप का दौरा कर चुका है. ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक़ पाकिस्तान अब कश्मीर घाटी में इसलिए जैश के आतंकियों पर ज्यादा भरोसा कर रहा है, क्योंकि जैश के आतंकियों को पाक आर्मी और आईएसआई के निर्देश के अनुसार खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक़ पीओके से भर्ती किए गए आतंकियों को टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए जैश ए मोहम्मद के आका उनको बहावलपुर में अपने हेड ऑफिस के अंडरग्राउंड टेक रूम में “टेक्निकल वॉर” की ट्रैनिंग देकर आगे की ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं. यहीं पर शामिल किए गए आतंकियों का ब्रेनवॉश भी किया जाता है. सूत्रों के मुताबिक पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद जैश-ए-मोहम्मद अपने जिहादी ग्रुप को ग्राउंड ट्रेनिंग के लिए पीओके के कैंप में भेजती है. यहीं पर इनको भारतीय सुरक्षाबलों पर फ़िदायीन हमले करने के लिए उकसाया भी जाता है.