भगवान विष्णु के अंशावतार एवं देवताओं के वैद्य भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्यपर्व कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी को 25 अक्तूबर को मनाया जाएगा। ये पर्व प्रदोषव्यापिनी तिथि में मनाने का विधान है। इस दिन परिवार में आरोग्यता के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव का स्मरण करके दक्षिण मुख अन्न आदि रखकर उस पर दीपक स्थापित करना चाहिए।
इस वर्ष धनतेरस का मुख्य समय दिल्ली के समयानुसार शायं 07 बजकर 06 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट के मध्य मनाना अतिशुभ रहेगा। गृहस्थों को इसी अवधि के मध्य ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः। मंत्र से षोडशोपचार विधि द्वारा पूजन अर्चन करना चाहिए, इसके फलस्वरूप परिवार में दीर्घआयु एवं आरोग्यता बनी रहती है।
धनतेरस अबूझ मुहूर्त है। इसी दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरि की जयंती भी है। धनतेरस के दिन शुक्रवार के दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा। जिस कारण से शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। वही अगर इस दिन बने योगों की बात करें तो ब्रह्म व सिद्धि योग बन रहा है। ऐसा महासंयोग 100 साल के बाद दोबारा बन रहा है। इस दिन जो भी शुभ कार्य या खरीदी की जाए वह समृद्धिकारक होती है।