उन्हें 12 बंदूकों की सलामी दी गई। समारोह में किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान भी शामिल थे। उत्तरी सीरिया में कुर्दों को उनके हाल पर छोड़ने के बाद सऊदी अरब ने रूस के साथ कई द्विपक्षीय समझौते किए और क्षेत्रीय स्थिति की समीक्षा भी की गई। तो अब क्या सऊदी अरब रूस के करीब आ रहा है और क्या है इसकी वजह?
सऊदी अरब ने रूस को 14 सितंबर को सरकारी तेल कंपनी अरामको पर हुए ड्रोन हमलों में चल रही अंतरराष्ट्रीय जांच में भी शामिल होने का न्योता दिया। रक्षा मामलों में रूस की एयर डिफेंस मिसाइल एस-400 की खरीद और भविष्य में उसकी तैनाती पर भी संभावित चर्चा हुई जो कि अमेरिका के लिए एक राजनयिक झटके के समान है।