बिलासपुर (छत्तीसगढ़) : प्रदेश सरकार के फैसले के बाद आरक्षण को लेकर दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। बिलासपुर हाईकोर्ट का निर्णय शुक्रवार 4 अक्टूबर को सार्वजनिक किया गया जिसमें हाईकोर्ट ने फैसले में सरकार के निर्णय पर स्टे लगा दिया है और अगले आदेश तक उसपर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका देेते हुए राज्य सरकार के 82 प्रतिशत आरक्षण मामले पर स्टे लगा दिया है और सरकार से जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि आरक्षण के निर्णय से असंतुष्ट होकर अलग-अलग 4 याचिकायें दायर की गई थीं। पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश पी रामचंद्र मेनन व न्यायाधीश पार्थ प्रतीम साहू की युगलपीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। सुरक्षित फैसले में शुक्रवार को सरकार के निर्णय पर स्टे और आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत करने और इससे कुल आरक्षण 82 प्रतिशत से अधिक होने के खिलाफ याचिका लगाई थी। राज्य शासन ने आदेश जारी कर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को बढ़ा दिया था। इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व केंद्र के गरीब सर्वणों को 10 फीसद आरक्षण को मिलाकर राज्य में आरक्षण 82 फीसद हो गया है। इसके अलावा महिला, दिव्यांग व अन्य वर्ग के लिए प्रावधान जोड़ने पर आरक्षण बढ़ जाएगा। सरकार के फैसले के खिलाफ आदित्य तिवारी, कुणाल शुक्ला, पुनेश्वरनाथ मिश्रा समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।