चंडीगढ़ : राजनीति में भाई-भतीजावाद का पर्याय बन चुकी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में भी वंशवाद की राजनीति से बाहर नहीं निकल पाई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई सूची में न केवल जमकर भाई-भतीजावाद हुआ है बल्कि नेताओं ने अपनी राजनीतिक वंशबेल को बढ़ाने का काम किया है। पार्टी ने कई ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जिनकी पिछले कुछ वर्षों से कोई राजनीतिक सक्रियता नहीं थी। इसके बावजूद परिवारवाद के चलते उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बंसीलाल की पुत्रवधू लगातार चौथी बार तोशाम हलके से चुनावी रण में होंगी। किरण चौधरी की हरियाणा में एंट्री उनके पति सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद हुई थी। किरण 2005 में तोशाम से उपचुनाव जीत पहली बार हरियाणा विधानसभा पहुंची थीं। कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा को बाढड़ा हलके से टिकट दिया है। बंसीलाल के दामाद व पूर्व विधायक सोमबीर सिंह को लोहारू से टिकट मिला है।
कांग्रेस हाईकमान पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिजवार के प्रति भी नरम रही है। भजन पुत्र कुलदीप बिश्नोई को परिवार की परंपरागत सीट आदमपुर से टिकट दिया गया है। भजनलाल के बड़े बेटे और पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस टिकट पर पंचकूला से चुनावी रण में होंगे। हालांकि पार्टी कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई को भी टिकट देने के लिए तैयार थी, लेकिन वह खुद ही चुनावी रण से हट गई। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन गुर्जर की धर्मपत्नी शैली चौधरी को नारायणगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना के बेटे वरुण चौधरी को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। हुड्डा सरकार में वित्त मंत्री रहे हरमोहिंद्र सिंह भी अपने बेटे मनदीप सिंह के लिए टिकट लेने में कामयाब रहे। हुड्डा के सीएम रहते हुए उनके ओएसडी रहे डॉ. केवी सिंह भी अपने बेटे अमित सिहाग को डबवाली से टिकट दिलवाने में सफल रहे।
पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे चिरंजीव राव को कांग्रेस ने रेवाड़ी से चुनावी रण में उतारा है। कैप्टन यादव ने हालिया लोकसभा चुनाव गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र से लड़ा था। पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री स्व शिवचरण लाल शर्मा के बेटे नीरज शर्मा को कांग्रेस ने फरीदाबाद एनआईटी से उम्मीदवार बनाया है। पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने भी अपने बेटे विजय प्रताप सिंह को बडख़ल हलके से टिकट दिलवाया है। अपनी बेटी के लिए विधानसभा की टिकट हासिल करने के लिए प्रतिष्ठा दांव पर लगाने वाले मोदी के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भले ही भाजपा ने ज्यादा अहमियत नहीं दी है, लेकिन कांग्रेस ने उनके परिवार को दो टिकट दे दिए हैं। कांग्रेस ने इंद्रजीत सिंह के भाई और पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह यादव को कोसली से उम्मीदवार घोषित किया है।