दवाओं के अनाप शनाप बढ़ते और बेकाबू दामों पर सरकार एक्शन ले रही है और अब सभी तरह की दवाओं के दाम तय करने की दिशा में एक योजना पर काम कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीति आयोग ट्रेड मार्जिन से दाम कंट्रोल करने का फार्मूला तैयार कर रहा है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने कहा कि जल्द ही फॉर्मूला तैयार कर लिया जाएगा. नीति आयोग दवाओं की कीमत को फर्स्ट प्वाइंट ऑफ सेल या यूं कहें कि बिक्री की पहली जगह पर ट्रेड मार्जिन तय करना चाहती है. इससे कंपनी और अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी और मरीजों को उपयुक्त दर पर दवाएं मुहैया की जा सकेंगी. मगर इंडस्ट्री और अस्पताल दोनों को इस पर ऐतराज है.
दवाओं के बेकाबू दाम से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों के परिजन को है. सरकारी नीतियों के अब तक के रवैये से दवा कंपनिया और बिचौलिये मनमाफिक ढंग से मुनाफा कमा रहे है. अगर सरकार की ये निति कामयाब होती है तो इस्सके सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होगा जो महँगी दवाओं के बिल के तले मरी जा रही है