प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत प्रावधानों का दुरूपयोग करने पर पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद को दी गयी जमानत निरस्त कर दी है। प्रदेश सरकार की जमानत निरस्तीकरण हेतु दाखिल अर्जी पर यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने दिया। अतीक अहमद के खिलाफ 2009 में कर्नलगंज थाने में धोखाधड़ी और मिथ्या साक्ष्य गढ़ने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में हाईकोर्ट ने तीन नवम्बर 2011 को उनकी जमानत मंजूर कर ली थी। प्रदेश सरकार की जमानत निरस्तीकरण की अर्जी में कहा गया कि अतीक अहमद ने जमानत मंजूर होने के बाद जमानत प्रावधान का दुरूपयोग किया। जमानत पर रिहा होने के बाद उनके द्वारा कई गंभीर अपराध किये गये। सरकार ने कोर्ट में खुल्दाबाद और नैनी आदि थानों में दर्ज हुए तीन मुकदमों का ब्यौरा दिया गया जो जमानत पर रिहा होने के बाद दर्ज हुए हैं।
अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कहा कि अभियुक्त का लंबा आपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ 93 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए अतीक अहमद को नोटिस जारी किया था। नोटिस देवरिया जेल भेजा गया मगर उनकी ओर से पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता अदालत नहीं पहुंचा। इस स्थिति से कोर्ट ने सरकारी वकील को सुनने के बाद जमानत निरस्त कर दी है।