विदेश व्यापार के मोर्चे पर सरकार के लिए थोड़ी राहत और थोड़ी चिंता की खबर है। राहत की बात यह है कि भारतीय निर्यात धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। इस साल जून में निर्यात 17.57 प्रतिशत वृद्धि के साथ 27.7 अरब डॉलर हो गया। हालांकि चिंता की बात यह है कि भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 16.6 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले माह में सर्वाधिक है। व्यापार घाटे में यह वृद्धि कच्चे तेल का आयात अधिक होने की वजह से हुई है। वैसे संतोष की बात यह है कि जून में सोने के आयात में लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 2.38 अरब डॉलर का रहा।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार जून में आयात में 21.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और आयात 44.3 अरब डॉलर रहा है। जून में तेल आयात में 56.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 12.73 अरब डॉलर का रहा।व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर है। उस समय व्यापार घाटा 16.86 अरब डॉलर था। एक साल पहले जून 2017 में व्यापार घाटा 12.96 अरब डॉलर था। मंत्रालय के अनुसार जून में जिन क्षेत्रों की वजह से निर्यात में वृद्धि हुई, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद, केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, जेम्स एंड ज्वैलरी और इंजीनियरिंग गुड्स शामिल हैं। अगर तिमाहीवार व्यापार की स्थिति पर गौर करें तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून की अवधि में निर्यात में 14.21 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 82.47 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आयात में 13.49 प्रतिशत की वृद्धि हुई।