नई दिल्ली : अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए 4 हफ्ते की समय की मांग की। जिसके बाद पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 नवम्बर को होगी। इस मामले पर सुनवाई करने वाली जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस गवई और जस्टिस सुभाष रेड्डी शामिल हैं।
अनुच्छेद 370 के खिलाफ कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और नौकरशाहों ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिन पूर्व अधिकारियों और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती दी है उनमें 2010-11 में गृह मंत्रालय के कश्मीर पर वार्ताकार राधा कुमार, पूर्व आईएएस अधिकारी हिंडाल तैयबजी, पूर्व एयर वाईस मार्शल कपिल काक, रिटायर्ड मेजर जनरल अशोक मेहता और पूर्व आईएएस अमिताभ पांडे शामिल हैं। पिछले 30 सितम्बर को कोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता डॉ. समीर कौल की अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए याचिका को पांच जजों की बेंच को रेफर कर दिया था।