भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपने ब्लॉग में कहा है कि आलोचना को दबाने से सरकारें नीति बनाने में गलतियां करती है। इसके बाद खराब परिणाम आने तक सरकार अपने फैसले को लेकर खुशफहमी में रह सकती है।
अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रघुराम राजन ने सोमवार को अपने ब्लॉग में ये बातें लिखी। उन्होंने लिखा कि अगर आलोचना करने वाले हर व्यक्ति को सरकारी मशीनरी की ओर से फोन कर चुप कराया जाता रहा या सत्ताधारी पार्टी की ओर से टारगेट किया जाता रहा तो लोग आलोचना करना बंद कर देंगे।
उन्होंने कहा कि आलोचना को दबाने से सरकार नीति बनाने में गलतियां करती हैं। आलोचना से समय-समय पर नीतियों में सुधार होता रहता है। आलोचना सरकारी नौकरशाहों को सरकार के सामने सच रखने का साहस देती है।
राजन ने कहा कि सच को ज्यादा समय तक झुठलाया नहीं जा सकता है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि उन्होंने कहा कि इतिहास को समझना और जानना निश्चित तौर पर अच्छी बात है, लेकिन इसमें खोए रहना हमारी असुरक्षा को दिखाता है।