महागठबंधन को लेकर माथापच्ची जारी है और जहा एक ओर बीजेपी अपनी रणनीति तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाने में जुट गई है वही फ़िलहाल विपक्ष महागठबंधन के बाद एक्शन में आने के साथ सुस्त चाल से चल रहा है. इसी बीच माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने महागठबंधन की संभावना से ही इनकार कर दिया है. येचुरी ने कहा कि इस तरह का गठबंधन लोकसभा चुनावों के नतीजे की घोषणा के बाद ही हो सकता है. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा यह मानना है कि भारत में चुनाव के पहले कोई भी महागठबंधन बनाना संभव नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधताओं वाला है.’
उन्होंने कहा, ‘इस बार भी आप वैसा ही देखेंगे, जैसा 1996 में देखने को मिला था जब संयुक्त मोर्चा ने सरकार बनाई थी और 2004 में जब संप्रग-1 सरकार बनी थी.’ येचुरी ने कहा कि देश के लोग केंद्र की ‘जनविरोधी सरकार’ से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन ‘वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार’ लोकसभा चुनाव के बाद ही बन सकती है.
माकपा महासचिव ने कहा कि क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष ताकतें भी आम चुनाव के बाद एकसाथ आएंगी. हालांकि, उन्होंने वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नाम नहीं बताया. उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी ने केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. हमने ऐसा 1989, 1996 और 2004 में किया था.’उन्होंने कहा, ‘तृणमूल और भाजपा में गुप्त तालमेल है और तृणमूल की भाजपा से लड़ने की विश्वसनीयता नहीं है.’