पिंडदानियों को पिला रहीं शर्बत, लंगर में प्रतिदिन सैकड़ों यात्री कर रहे भोजन
गया : सनातन धर्म में मातृ शक्ति का विशेष महत्व है। नारी जब ठान लें तो बड़े से बड़े काम आसान हो जाते हैं। गया की महिलाएं तीर्थयात्रियों की सेवा करने में पुरुषों से कहीं पीछे नहीं हैं। गया और बिहार का मैनचेस्टर एवं आईआईटी/ एनआईटी छात्र- छात्राओं का हब कहे जाने वाले मानपुर के पटवा टोली की महिलाओं का एक अलग रूप इन दिनों देखने को मिल रहा हैं। पटवा बुनकर आरोग्य ट्रस्ट के बैनर तले सीताकुंड वेदी परिसर में नि:शुल्क शर्बत और चिकित्सा सुविधा पिंडदानियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। पटवा समाज की आशा देवी, शीला देवी, सारिका देवी, राजेश्वरी देवी, गीता देवी, कुमकुम देवी एवं अन्य के नेतृत्व में 50 महिलाएं प्रत्येक दिन सीताकुंड पिंडवेदी परिसर में तीर्थयात्रियों को शर्बत पिलाती नजर आ रही है।
विष्णुपद मंदिर परिसर के पास विष्णु द्वार के निकट उषा डालमिया पिंडदानियों की सेवा में निशुल्क कचौड़ी- जलेबी और सब्जी उपलब्ध करा रही हैं। औसतन प्रत्येक दिन एक हजार से अधिक तीर्थयात्री डालमिया की ओर से संचालित नि:शुल्क लंगर में नास्ता-भोजन कर रहे हैं। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से फल्गु नदी में एक टेंट लगाया गया है। जहां पिंडदानी गया श्राद्ध कर रहे हैं। टेंट की सुविधा से पिंडदानियों को कड़ी धूप और गर्मी से राहत मिल रही है। अध्यक्ष संतोष धानुका,श्वेता जैन, सारिका जैन, अंशु, रिंकी,मल्लिका सहित अन्य को कहना है कि आने वाले समय में और कुछ विशेष करने की योजना है।