सड़कों के बेहतरीकरण के लिये इन्जीनियर व दक्ष लोग दें सुझाव : डिप्टी सीएम
लखनऊ : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को विशेश्वरैया हाल (निर्माण भवन) में लखनऊ मण्डल की लोक निर्माण विभाग की 1251 करोड़ रुपये की 793 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। जिसमें 863 करोड़ रुपये की 689 परियोजनाओं का लोकार्पण व 388 करोड़ रुपये के 104 कार्यों का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उ.प्र. सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है। लोक निर्माण विभाग के कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समस्त संसदीय क्षेत्रों/जनपदों में एक नये राज्यमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना में 67 राज्यमार्गों का चयन कर लिया गया है, जिनकी लम्बाई 5600 किमी0 है। उन्होने कहा कि नवघोषित राज्य मार्गों को यातायात की आवश्यकतानुसार 02 लेन/02 लेन पेव्ड शोल्डर चौड़ीकरण का कार्य भी कराया जायेगा एवं सघन आबादी के बीच से जाने वाले स्थानों पर बाईपास का निर्माण कार्य भी कराया जायेगा। इस योजना को पूर्ण करने में लगभग 2200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आयेगी।
श्री मौर्य ने कहा कि वर्ष 2018-19 में ग्रामीण सम्पर्क मार्गों के 4300 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनकी लम्बाई 5900 एवं लागत रू. 3360 करोड़ है। गत वर्ष 249 मार्गों के चौड़ीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये, जिनकी लागत रू. 6400 करोड़ है। उन्होने घोषणा की कि महत्वपूर्ण मार्गों के दोनों ओर स्थापित धार्मिक स्थलों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने व लोगों के बैठने के लिये बेंचों का निर्माण व छाया तथा पीने के पानी की व्यवस्था की जायेगी। उन्होने यह भी कहा कि नवीन तकनीक का प्रयोग कर वर्ष 2018-19 में रू. 942 करोड़ की व 30,00000 घन मीटर पत्थर की बचत की गयी है। इतने एग्रीगेट के प्रयोग से गाजियाबाद से प्रयागराज तक (लगभग 679 किमी) 02 लेन राज्य मार्ग श्रेणी का मार्ग निर्माण किया जा सकता है। श्री मौर्य ने कहा कि रोड सेफ्टी के कार्यों हेतु रू0 118 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी की गयीं।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्याें के निविदाओं में पारदर्शिता लाने तथा ठेकेदार/फर्मों को उनके निर्माण कैपेसिटी के अनुसार कार्य प्राप्त करने के लिये एक नये साफ्टवेयर का निर्माण किया गया है जो देश में प्रथम बार लोक निर्माण विभाग, उ.प्र. में लागू किया जा रहा है। प्रथम चरण में यह व्यवस्था लखनऊ मण्डल में लागू की जायेगी, इस साॅफ्टवेयर का नाम ‘विकास प्रहरी’ दिया गया है। उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की, कि अब प्रतिभाशाली छात्रों (टाॅप-20) के घरों तक ही नहीं बल्कि उनके स्कूलों तक भी सड़के बनायी जायेंगी। उन्होने यह भी घोषणा की कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 02 सेतु बनाये जायेंगे। श्री मौर्य ने कहा कि डिजिटलीकरण के मामले में उ.प्र. लोक निर्माण विभाग ने प्रथम स्थान हासिल किया है। उन्होने कहा कि सेतु निगम के 54 अधूरे कार्य 1500 करोड़ रुपये की धनराशि से पूरे कराये गये हैं। इस वर्ष 207 सेतुओं का निर्माण 8519 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायीकार्य एवं न्याय तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि लोक निर्माण विभाग तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने लोक निर्माण विभाग की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग वी.के.सिंह ने किया। इस अवसर पर विधायक सुरेश श्रीवास्तव, नीरज बोरा, अनिल सिंह, अविनाश त्रिवेदी, धीरेन्द्र बहादुर सिंह, सांसद लखनऊ के प्रतिनिधि के.पी. सिंह, दिवाकर त्रिपाठी, सचिव लोक निर्माण विभाग, रंजन कुमार के अलावा मुख्य अभियन्ता संजय गोयल, एस.के. श्रीवास्तव सहित अन्य अभियन्ता व जन प्रतिनिधि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।